शिवाजी को अंगुलियां पकड़कर चलना सिखाया फिर उन्हें एक महान योद्धा बनाया. वो महिला कोई और नहीं बल्कि शिवाजी महाराज की मां जीजाबाई थी.

संस्कार से लेकर युद्ध तक की शिक्षा दी
जीजाबाई का जन्म 12 जनवरी 1598 में बुलढाणा के जिले सिंदखेद के निकट ‘लखुजी जाधव’ की बेटी के रूप हुआ. उनकी मां का नाम महालसाबाई था. वह बहुत कम उम्र की थीं, जब उनका विवाह ‘शहाजी भोसले’ के साथ कर दिया गया. दरअसल शिवाजी के जन्म के बाद शाहजी ने शिवाजी और जीजाबाई को शिवनेर के किले में अकेला छोड़ दिया था और वे अपने दूसरे पुत्र के साथ पुणे में रहने लगे थे उसके बाद जीजाबाई ने ही शिवाजी को संस्कार से लेकर युद्ध तक की शिक्षा प्रदान की थी ।
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राष्ट्र के प्रति समर्पण भी सिखाया
बताया जाता है की जीजाबाई छत्रपति शिवाजी की सिर्फ माता ही नहीं बल्कि उनकी मित्र और मार्गदर्शक भी थीं. उनका सारा जीवन साहस और त्याग से भरा रहा. उन्होंने जीवन भर कठिनाइयों और विपरीत परिस्थितियों का सामना किया, किन्तु धैर्य नहीं खोया और अपने ‘पुत्र ‘शिवाजी’ को समाज कल्याण के प्रति समर्पित रहने की सीख दी
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