1. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली का दूसरा भाव धन के लिए उत्तरदायी होता है। अगर किसी की कुंडली में शुभ ग्रह होता है तो उसे धन की प्राप्ति होती है।
2. अगर कुंडली के दूसरे भाव में बुध और चंद्रमा की दृष्टि हो तो ऐसे व्यक्ति आसानी से अमीर नहीं बन पाते हैं। कहा जाता है कि ऐसे व्यक्ति कड़ी मेहनत के बाद भी धन प्राप्त नहीं कर पाते हैं।
3. अगर कुंडली के दूसरे भाव सिर्फ चंद्रमा हो तो ऐसे लोग अपनी मेहनत के बदौलत धनवान बन जाते हैं।
अगर कुंडली के दूसरे भाव के चंद्रमा पर बुध की दृष्टि पड़ जाए तो ऐसे लोग कंगाल हो जाते हैं। पारिवारिक संपत्ति भी खत्म हो जाता है।
4. अगर कुंडली में चंद्रमा अकेला हो और अन्य कोई भी ग्रह उससे द्वितीया या द्वादश भाव में न हो तो वह जीवनभर गरीब ही रहता है। ऐसे लोग कितना भी मेहनत कर लें, वह अधिक पैसा नहीं कमा सकता है।
अगर कुंडली के दूसरे भाव में किसी पाप ग्रह की नजर हो तो वह गरीब ही रहता है।
5. अगर कुंडली में सूर्य और बुध दूसरे भाव में स्थित हो तो ऐसे लोगों के पास पैसे नहीं टिकते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ऐसे लोगों के पास पैसे तो आते हैं लेकिन वे जमा नहीं कर पाते हैं।