अमेरिका ने हाल ही में दुनिया की सबसे तेज गति से चलने वाली का सफलतापूर्वक टेस्ट किया है। ये मिसाइल न सिर्फ अमेरिका के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए ही बेहद खास हो गई है। ऐसा इसलिए कि इस मिसाइल से जहां अमेरिका की मारक क्षमता में इजाफा होना तय है वहीं दूसरी तरफ ये दुनिया के किसी भी देश को भयभीत करने के लिए काफी है।
DARPA प्रोजेक्ट का हिस्सा
इसकी सबसे बड़ी वजह है इसकी जबरदस्त स्पीड। ये मिसाइल 5 मैक की गति से हवा का सीना चीरती हुई अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ सकती है। 5 मैक की गति का अर्थ है 3700 मील प्रतिघंटा या करीब 6 हजार किमी प्रति घंटा। जिस मिसाइल का अमेरिका ने टेस्ट किया है वो दरअसल, DARPA या यूएस डिफेंस एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट एजेंसी का एक हिस्सा है। हालांकि इस मिसाइल की मारक क्षमता कितनी है और ये कितना वारहैड लेकर जा सकती है इसका खुलासा अब तक नहीं किया गया है।
Nickel Based Alloy का किया इस्तेमाल
इस प्रोजेक्ट में DARPA, Raytheon Missiles and Defense, Northrop Grumman और US Air Force शामिल हैं। Raytheon का कहना है कि ये मिसाइल 5 मैक से भी अधिक गति तक जा सकती है। कंपनी ने ये भी कहा है कि उनके लिए इसमें सबसे बड़ा काम थर्मल मैनेजमेंट को लेकर था। कंपनी ने न सिर्फ मिसाइल का वजन बढ़ाए इस चैलेंज को पूरा बल्कि इससे इसकी गति और दूरी पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ने दिया। इसको जबरदस्त हीट से बचाने के लिए कंपनी ने इसमें निकेल बेस्ड एलॉय का इस्तेमाल किया है। ये न सिर्फ वजन में हल्का होता है बल्कि अधिक तापमान पर भी अंदर की चीजों को बचाए रखता है। बारहे कर न सिर्फ
पिछले वर्ष सितंबर में किया गया था पहला टेस्ट
इस मिसाइल का टेस्ट सबसे पहले अमेरिका ने पिछले वर्ष सितंबर में किया था। इसके बाद मार्च 2022 में भी इसका सफलतापूर्वक टेस्ट किया गया था। हालांकि उस वक्त इसको काफी गोपनीय रखा गया था। इसकी वजह रूस और यूक्रेन युद्ध था। इस मिसाइल का तीसरा टेस्ट अप्रैल 2022 में किया गया था। इस मिसाइल प्रोजेक्ट के प्रिंसीपल डायरेक्टर माइक व्हाइट का कहना है कि ये मिसाइल किसी हाइपरसोनिक ग्लाइट व्हीकल से भी छोटी है।
5 मैक की गति सबसे बड़ी खासियत
ये एक हाइपरसोनिक क्रुज मिसाइल है। जिसको हवा से हवा में या जमीन से हवा में दागा जा सकता है। पहले किए गए इसके सभी टेस्ट काइनेटिक एजनर्जी वैपन के तहत किए गए थे। इसका अर्थ ये होता है कि उस वक्त केवल इस मिसाइल की स्पीड समेत अन्य चीजों को देखा गया था और इसमें वारहेड या कोई भी विस्फोटक सामग्री नहीं थी। इसमें लगा स्क्रेमजेट इंजन ही इसको 5 मैक की गति प्रदान करता है। ये तेज गति से हवा को अंदर लेता है और हवा को सबसोनिक वैलोसिटी को कम कर देता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत होती है कि ये शाकवेव का ही इस्तेमाल कर आने वाली हवा की गति को कम कर उसको शाक कॉन के साथ फ्यूल के साथ इस्तेमाल करता है। इसी वजह से मिसाइल की गति अधिक होती है।
ब्रह्मोस से कितनी अलग
आपको यहां पर ये भी बता दें कि विश्व की सबसे तेज चलने वाली हाइपरसोनिक मिसाइल फिलहाल भारत रूस की विकसित की गई ब्रह्मोस मिसाइल है। ये मिसाइल 3 मैक की गति से उड़ सकती है और अधिक 5 मैक तक जा सकती है। वहीं अमेरिका की 5 मैक की गति पा चुकी है और इससे आगे भी ये जा सकती है।