इस दौरे से पहले टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने श्रीलंकाई गेंदबाजों के खिलाफ खूब रन बतौरे थे। उनके फॉर्म को देखकर लग रहा था कि इस बार यह अफ्रीकी गेंदबाजों का वह हाल करेंगे, जिसके बारे में उन्होंने कभी सोचना नहीं होगा। लेकिन हुआ इसका उल्ट।
अफ्रीकी गेंदबाजों के सामने भारतीय धूरंधर किस तरह घुटने टेकते हुए नजर आए, वह सभी ने देखा। हालांकि विराट कोहली ने जरूर सेंचुरियन टेस्ट की पहली इनिंग में 153 रन की पारी खेली, लेकिन वह टीम की हार को टालने में नाकाफी साबित हुई।
इन सबके अलावा देखा जाए तो टीम इंडिया अपने खराब खेल के साथ-साथ ओवर कॉन्फिडेंट की वजह से भी हारी। आइए जानते हैं उन 5 ओवर कॉन्फिडेंट्स के बारे में जिसकी वजह से टीम इंडिया का हुआ यह हाल…
खराब स्लिप फील्डिंग
किसी भी टीम में करीब 4 से 5 खिलाड़ी ऐसे होते हैं, जो स्लिम के स्पेशलिस्ट माने जाते हैं। लेकिन मौजूदा टीम इंडिया में एक भी स्पेशलिस्ट स्लिप फील्डर नहीं है।
इस सीरीज में हमें के एल राहुल, धवन, पुजारा, रोहित, अश्विन, मुरली विजय और कोहली को स्लिप में फील्डिंग करते हुए देखा। जबकि यकीकत यह है कि इनमें से एक भी खिलाड़ी स्लिप का फील्डर नहीं है और नतीजा दोनों टेस्ट में किसी न किसी अफ्रीकी बल्लेबाजों को अतिरिक्त मौका मिला।
मौके गंवाए
जीतनी भी टीमें इतिहास में टॉप पर रही हैं, उनकी सबसे खास बात यह रही है कि वह कभी भी अपने प्रतिद्वदी को मैच में वापसी का मौका नहीं देती थी। उदाहरण के तौर पर 70 और 80 के दौर पर वेस्टइंडीज और उसके बाद 90 के दौर पर ऑस्ट्रेलिया टीम इसी रणनीति के तहत खेला करती थी।
कभी किसी मैच में अगर वह गलती करती भी तो मैच में वो जरूर मजबूत वापसी करके मैच का रूख पल्ट दिया करती थी। लेकिन बात करें मौजूदा नंबर वन टेस्ट टीम भारत की बात करें उसमें वह बात नजर नहीं आती है।
दोनों टेस्ट में टीम इंडिया को जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी ने अपनी गेंदबाजी से कई मौके दिलाए, लेकिन एक बार फिर कोहली एंड कंपनी उसे भुना पाने में नाकाम रही।
इस सीरीज में अभी तक सिर्फ हार्दिक पांड्या ने अपने बल्ले से अत्यधिक आक्रामकता दिखाई है। उन्होंने बल्ले के अलावा गेंदबाजी से भी कमाल किया है और टीम इंडिया के दूसरे खिलाड़ियों को भी उनसे सीखना चाहिए।
5 बल्लेबाजों के साथ न उतरना पड़ा महंगा
कप्तान कोहली को समझना होगा कि ओवरसीज दौरे पर एक अतिरिक्त गेंदबाज लेकर ही उतरना चाहिए। कहीं न कहीं दोनों ही टेस्ट मैचों में टीम को एक अतिरिक्त तेंज गेंदबाज की कमी खली है। 6 बल्लेबाजों ने मिलकर भी टीम के स्कोर में कोई खास इजाफा नहीं किया, जिसका सीधा मलतब यह है कि यदि एक अतिरिक्त तेज गेंदबाज खेलता तो दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज उतने रन न बना पाते, जितने उन्होंने बनाए।
इसके अलावा दूसरे टेस्ट में एक बार फिर वहीं गलती करना। रहाणे की जगह पर रोहित को खिलाना। हद तो तब हो गई जब पहले मैच के हीरो रहे भुवनेश्वर कुमार को दूसरे टेस्ट मैच में न खिलाना। ओपनर शिखर धवन को बाहर कर के एल राहुल को मौका देना, सेंचुरियन टेस्ट में भारी पड़ा।