यूरोप के कई देशों में पैरेट फीवर (Parrot fever) कहर बनकर टूट रहा है। पैरेट फीवर की चपेट में आने से पांच लोगों की मौत हो गई है। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार मनुष्य आमतौर पर संक्रमित पक्षी के काट लेने या फिर उसके संपर्क में आने से बीमार हो सकते हैं। यह बीमारी संक्रमित जानवरों को खाने से नहीं फैलती है।
यूरोप के कई देशों में पैरेट फीवर (Parrot fever) कहर बनकर टूट रहा है। पैरेट फीवर की चपेट में आने से पांच लोगों की मौत हो गई है।
साल 2023 में भी मचाई थी तबाही
सीएनसीएन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के हवाला से बताया कि पैरेट फीवर को सिटाकोसिस के नाम से भी जाना जाता है। इसने यूरोपीय देशों में रहने वाले लोगों को बुरी तरह प्रभावित किया है। साल 2023 की शुरुआत में भी इस बीमारी ने कहर बरपाया था और अब साल 2024 की शुरुआत में पांच लोगों की जान ले ली है।
कहां कितने मिले मामले?
ऑस्ट्रिया में पिछले साल 14 मामलों की पुष्टि हुई थी, लेकिन इस साल मार्च तक चार और मामले सामने आए हैं। WHO ने कहा कि डेनमार्क में 27 फरवरी तक इस महामारी के 23 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। इसके अलावा डेनमार्क में एक व्यक्ति में इसकी पुष्टि हुई है। साथ ही जर्मनी में इस साल पांच मामले सामने आए हैं।
पक्षी के काटने या संपर्क में आने से पड़ते हैं बीमार
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, मनुष्य आमतौर पर संक्रमित पक्षी के काट लेने या फिर उसके संपर्क में आने से बीमार हो सकते हैं। यह बीमारी संक्रमित जानवरों को खाने से नहीं फैलती है। WHO ने कहा कि हाल ही मिले अधिकांश मामले वो हैं, जो लोग पालतू या जंगली पक्षियों के संपर्क में आए थे।
क्या होता है पैरेट फीवर?
बता दें कि पैरेट फीवर क्लैमाइडिया संक्रमण के कारण होता है, जो विभिन्न प्रकार के जंगली और पालतू पक्षियों और मुर्गों में पाया जाता है। संक्रमित पक्षी देखने में तो बीमार नहीं लगते, लेकिन जब वे सांस लेते हैं या मलत्याग हैं तो उनसे बैक्टीरिया निकलते हैं। इसका कारण ही ये बीमारी फैलती है।
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