उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के कारण सियासी दलों में हलचल मच गई है.इसी बीच समाजवादी पार्टी लोहिया (पीएसपीएल) के प्रमुख शिवपाल यादव ने कहा है कि उनकी पार्टी समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ गठबंधन करने के लिए तैयार है. ताकि उनकी पार्टी और सपा मिलकर आगामी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को हरा सकें. शिवपाल ने कहा, “हम गठबंधन बनाने के लिए राज्य के अन्य छोटे दलों से भी संपर्क कर रहे हैं. जिस सरकार ने किसानों के हित के खिलाफ ये काले कृषि कानून बनाए हैं, उन्हें किसी सूरत में चुनाव नहीं जीतने देना चाहिए.”

पीएसपीएल प्रमुख ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी ने राज्य के सभी जिलों में अपना आधार बना लिया है. उन्होंने कहा, “हम किसानों के साथ हैं और जरूरत पड़ी तो हम जेल भरो आंदोलन भी करेंगे. ये कानून केवल कॉर्पोरेट घरानों की मदद के लिए बनाए गए हैं, बल्कि केंद्र सरकार की तरफ से लिए गए सभी निर्णय फिर चाहे वो नोटबंदी हो, जीएसटी हो, कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों का माइग्रेशन हो, ये सब देश और जनता के खिलाफ ही थे.
किसानों की आय को दोगुना करने का वादा किया गया, लेकिन आय में कमी आई है. यदि किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं तो सरकार क्यों उन पर ये कानून थोप रही है?”
हालांकि, समाजवादी पार्टी ने शिवपाल के इन बयानों पर कोई टिप्पणी नहीं की है लेकिन सूत्रों का कहना है कि पार्टी ‘छोटी’ पार्टियों के साथ गठबंधन करने को तैयार है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कह चुके हैं कि उनकी पार्टी शिवपाल यादव के लिए जसवंतनगर विधानसभा सीट छोड़ देगी.
शिवपाल ने कहा कि हम किसानों के साथ हैं और अगर जरूरत पड़ी तो हम जेल भरो आंदोलन शुरू करेंगे. नए कृषि कानून केवल कॉरपोरेट घरानों के लाभ के लिए बनाए गए हैं.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से लिए गए सभी फैसले जनता और राष्ट्र के हित में नहीं थे, फिर चाहे जीएसटी हो या कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन का फैसला हो. सभी फैसलों से लोगों को दिक्कत हुई है. लॉकडाउन के दौरान मजदूरों को काफी परेशानी उठानी पड़ी.
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