नागरिकता संशोधन अधिनियम के तहत अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए प्रवासियों को चिह्नित करने की कवायद शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश पहला राज्य है जिसने प्रवासियों को नागरिकता देने की दिशा में कार्रवाई शुरू किया है।
प्रदेश सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को ऐसे प्रवासियों को चिह्नित कर उनकी सूची तैयार करने को कहा है। इस कवायद के तहत उनकी भी पहचान होगी राज्य में अवैध रूप से रह रहे हैं।
प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि सभी जिलों के जिला मजिस्ट्रेट को यह निर्देश दिए गए हैं कि वह उन प्रवासियों की पहचान करें जो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आकर दशकों से यहां बिना नागरिकता के रह रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सूची तैयार करने का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राज्य सरकार के हस्तक्षेप से यह सुनिश्चित किया जा सके कि वास्तविक प्रवासियों को देश की नागरिकता मिल रही है। इससे वह देश के नागरिक बन सकेंगे। ऐसा पहली बार है जब इस तरह की सूची बनाई जा रही है। सरकार राज्य में अवैध मुस्लिम प्रवासियों पर केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी जानकारी देगी।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि अभी तक जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक लखनऊ, हापुड़, रामपुर, शाहजहांपुर, नोएडा और गाजियाबाद में पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए प्रवासी अधिक संख्या में हैं।
मालूम हो कि नागरिकता कानून का उत्तर प्रदेश में व्यापक रूप से विरोध हुआ है और हिंसक प्रदर्शन में 28 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम की आड़ में भारत में रह रहे मुस्लिमों को निशाना बनाया जा रहा है।