यूपी में नेताओं का पार्टी बदलने का सिलसिला जारी है। पूर्व मंत्री रामप्रसाद चौधरी समेत बसपा के कई प्रमुख नेता सोमवार को समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी की सदस्यता दिलाई।
सपा में शामिल होने वालों में दूध नाम (पूर्व विधायक), जितेंद्र कुमार (पूर्व विधायक), मालती देवी (पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष), विपिन शर्मा (पूर्व ब्लाक प्रमुख), कबीर चौधरी (पूर्व प्रत्याशी), उमेश पांडे (पूर्व विधायक), अनिल कुमार (पूर्व विधायक) मुजफ्फरनगर।
रामप्रसाद पासी (पूर्व प्रत्याशी कानपुर), सुदर्शन पासी (शाहजहांपुर), राजेंद्र चौधरी (पूर्व विधायक), मुकेश चौधरी जिला पंचायत सदस्य, अवधेश यादव जिला पंचायत सदस्य, ज्ञान चंद्र चौधरी जिला पंचायत सदस्य, कपिलदेव (जिला पंचायत सदस्य), हरिराम चौधरी (जिला पंचायत सदस्य), मनीराम मौर्या (पूर्व ब्लॉक प्रमुख), अजय सिंह (पूर्व ब्लाक प्रमुख), कुमकुम भारती (पूर्व ब्लाक प्रमुख), सीताराम (पूर्व जिला अध्यक्ष) बहुजन समाज पार्टी सहित कई नेता सपा में हुए शामिल।
बता दें कि बीते शनिवार को हिंदू युवा वाहिनी (भारत) के अध्यक्ष सुनील सिंह, बसपा सरकार में मंत्री रहे डॉ. रघुनाथ प्रसाद शंखवार, मोहनलालगंज से प्रत्याशी रहे सीएल वर्मा सहित विभिन्न दलों के प्रमुख नेताओं समेत सैकड़ों लोग सपा में शामिल हुए थे। साथ ही सुनील ने हिंदू युवा वाहिनी (भारत) के 46 जिलों के पदाधिकारियों के साथ वाहिनी के सपा में विलय की भी घोषणा की थी।
इस मौके पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सभी को पार्टी की सदस्यता दिलाई और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। अखिलेश यादव ने कहा कि मौसम बदल रहा है और यह बदलाव दिखाई दे रहा है। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा को समझ जाना चाहिए कि जनता क्या चाहती है?
उन्होंने कहा कि आज यूपी अपराध में नंबर वन हो गया है। बाल अपराध में नंबर वन है। महिलाओं के खिलाफ अपराध में नंबर वन है। हमारे मुख्यमंत्री को यही नहीं पता है कि नंबर वन कहां से आना है ऊपर से या नीचे से।
अखिलेश बोले, भाजपा वाले एनआरसी और एनपीआर लागू करने के साथ ही देश को एक बार फिर लाइन में लगा देना चाहते हैं। कहते हैं कागज दिखाओ। बड़े-बड़े राजा महाराजाओं के पास कागज नहीं हैं तो गांव के गरीब लोग कागज कहां से लाएंगे? पहले नोटबंदी कर लोगों को लाइन में लगा दिया और अब एनआरसी कराकर लोगों को फिर से लाइन में लगाने की तैयारी कर रहे हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि देश के संविधान में धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं था। भाजपा के लोगों को पूर्ण बहुमत मिल गया तो संविधान के साथ छेड़छाड़ कर दी। इसलिए मेरा मानना है कि जातिगत आधार पर जनगणना करवानी चाहिए। जिस दिन जातियों के आधार पर गणना हो गई हिंदू-मुस्लिम का झगड़ा नहीं होगा।