मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश में पीएसी की तीन महिला बटालियन का गठन करेगी। इसमें गोरखपुर के साथ लखनऊ और बदायूं शामिल हैं। गोरखपुर बटालियन का शिलान्यास करते हुए उन्होंने कहाा कि पीएसी की यह बटालियन महिला सशक्तिकरण की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। इस बटालियन के जरिए प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा का एक बेहतर माहौल बनेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में रविवार को पुलिस ट्रेनिंग स्कूल एवं प्रदेश की पहली पीएसी महिला बटालियन के परिसर की नींव रखी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि लगभग 25 वर्षों से गोरखपुर का पुलिस ट्रेनिंग स्कूल जमीन के अभाव में अपना स्वयं का ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट नहीं शुरू कर पा रहा था।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पिछली सरकारों ने प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था के साथ खिलवाड़ किया था। 2017 में जब भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में सत्ता में आई, तो उस समय उत्तर प्रदेश पुलिस में डेढ़ लाख पद खाली थे।
पीएसी की 54 कंपनियां समाप्त कर दी गई थी। हमारी सरकार बनने के बाद इन भर्तियों को स्ट्रीम लाइन किया गया। पुलिस ट्रेनिंग की क्षमता को 6 हजार से बढ़ाकर 12 हजार किया गया। उत्तर प्रदेश पुलिस के इतिहास में पहली बार पुलिस के रिक्रूट की ट्रेनिंग के लिए बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, एसएसबी और अन्य राज्यों के ट्रेनिंग केंद्रों की सहायता ली गई। जिसके जरिए हम समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से पूरी ईमानदारी के साथ अब तक 85 हजार भर्ती प्रक्रिया को पूर्ण कर चुके हैं। शेष भर्ती प्रक्रिया को हम बहुत जल्द पूरी कर लेंगे।
हमारा प्रयास है कि पुलिस विभाग में जो भी भर्ती हम करें उसमें 20 प्रतिशत महिलाएं अवश्य हों। इसी को प्रोत्साहित करने के लिए हमने PAC की तीन अतिरिक्त महिला वाहिनियों का गठन किया है जिससे पुलिस बल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई जा सके। महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह एक अहम कदम होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 के पहले प्रदेश के सात जिलों में पुलिस लाइन नहीं थी। जैसे बिना संविधान के देश होता है, वैसे ही बिना पुलिस लाइन के पुलिस फोर्स की स्थिति भी उस जिले में होती है। हमारी सरकार उन सात जनपदों में पुलिस लाइन के लिए जमीन खरीने के साथ ही परिसर निर्माण के लिए धनराशि भी स्वीकृत कर चुकी है। उन्होंने कहा कि कुछ जनपदों में पुलिस लाइन बनाए जाने का कार्य प्रारम्भ हो गया है, तो कुछ में बहुत जल्द शुरू हो जाएगा। हर पुलिस लाइन में 300 पुरुष और 50 से ज्यादा महिला कॉन्स्टेबल के लिए अलग बैरक की व्यवस्था की गई है।
सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पहले कोई साइबर थाना नहीं था। दो जनपदों में फॉरेंसिक लैब थी, लेकिन उनकी स्थिति बहुत दयनीय थी। वर्तमान में प्रदेश में 6 स्थानों पर फॉरेंसिक लैब स्थापित हो रही हैं। इसके साथ ही दो साइबर पुलिस थाने नोएडा और लखनऊ में स्थापित हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने प्रदेश के सभी 18 मंडलों में एक फॉरेन्सिक लैब और एक साइबर थाना स्थापित करने की व्यवस्था सुनिश्चित की है। योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पुलिस एवं फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी बनाने का भी निर्णय लिया है। ये सारे कार्य जमीनी स्तर पर होते हुए दिखाई देंगे, तो साइब क्राइम जीरो होगा और समय पर फॉरेंसिक रिपोर्ट मिलने पर अपराधियों को जल्दी सजा मिल सकेगी।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि दक्ष और स्मार्ट पुलिसिंग के जरिए हम जनता के मन में विश्वास पैदा कर सकते हैं। इसका उदाहरण हम फर्रुखाबाद से ले सकते हैं, जहां पुलिस ने सफल ऑपरेशन करते हुए एक सिरफिरे को मार गिराया था और 23 मासूम बच्चों को बिना खरोच लगे बचाया था। उन्होंने कहा कि तकनीक के जरिए हम बड़े से बड़े चैलेंज को सुलझा सकते हैं और अपराधियों के अंदर भय पैदा कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यह वही प्रदेश है, जहां से निवेशक भागते थे। आज हम ढाई वर्ष में ढाई लाख करोड़ रुपये का निवेश कराने में सफल रहे हैं। डिफेंस एक्सपो के माध्यम से डिफेंस कॉरिडोर में 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश आया है। इससे 5 लाख नौजवानों को नौकरी और रोजगार मिलेगा।