नई दिल्ली। यूपी की सियासत में कांग्रेस अपनी जमीन तलाश रही है। कांग्रेस के रणनीतिकारों को यकीन है कि प्रियंका गांधी के करिश्मे से पार्टी अपनी खोई जमीन वापस अपने पाले में ला सकती है। एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक सोनिया गांधी की खराब तबीयत के बाद प्रियंका सक्रिय तौर पर पार्टी के क्रियाकलापों पर नजर रख रही हैं। कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि हाल ही में 80 उम्मीदवारों की एक लिस्ट को उन्होंने हरी झंडी दे दी है।
यूपी कांग्रेस कमेटी के कुछ वरिष्ठ नेता ये चाहते हैं कि अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से प्रियंका गांधी चुनावी अभियान में सक्रिय रूप से हिस्सा लें। कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी में बेहतर सामांजस्य है, जिसका फायदा पार्टी को मिलेगा। वाराणसी में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की रोड शो के दौरान खराब तबीयत के बाद प्रियंका गांधी में कांग्रेस कार्यकर्ता एक उम्मीद देख रहे हैं।
कांग्रेस के रणनीतिकारों को लगता है कि प्रियंका गांधी जिस अंदाज में रायबरेली और अमेठी में चुनावी अभियान का संचालन करती है, वो अंदाज प्रदेश के दूसरे जिलों में भी काम कर सकता है। कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि हाल ही में उन्हें 80 उम्मीदवारों की जो लिस्ट दी गयी थी, उन उम्मीदवारों के नाम पर सहमति दे दी है। उस लिस्ट में मौजूदा विधायकों को मौका दिया गया है जिनके चुनावी बाजी मारने की संभावना ज्यादा है। बताया जा रहा है कि उम्मीदवारों की ये लिस्ट अगस्त के अंतिम हफ्ते में ये लिस्ट जारी की जा सकती है।
इस सिलसिले में यूपी कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर ने कहा कि आप सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को अलग-अलग कर नहीं देख सकते हैं। किसी एक की आवाज पूरे परिवार की आवाज होती है। कांग्रेस के लाखों कार्यकर्ता चाहते हैं कि प्रियंका गांधी यूपी चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाएं ताकि यूपी को जातिवाद, परिवारवाद और सांप्रदायिक ताकतों के चंगुल से बाहर निकाला जा सके।