बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी है। जिले भर में अनुमानित सौ करोड़ से ज्यादा की फसल बर्बाद हो गई हैं। अभी प्रशासन सर्वे पूरा नहीं कर पाया है।
रविवार को सभी तहसीलों से रिपोर्ट आने की संभावना है। इसके बाद नुकसान के मुआवजे की विस्तृत डिमांड शासन को भेजी जाएगी। शासन स्तर से तत्काल राहत के लिए 20 लाख रुपये का बजट जारी कर दिया गया है।
बचा हुआ मुआवजा यहां से रिपोर्ट जाने के बाद भेजा जाएगा। 33 फीसद से अधिक नुकसान होने पर 13500 रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजे का वितरण होगा।
बारिश से आलू की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। गेहूं व सरसों को भी भारी क्षति पहुंची है। सबसे अधिक नुकसान खैर व इगलास तहसील में बताया जा रहा है।
किसानों का मानना है कि यहां पर 50 फीसद से ज्यादा का नुकसान हुआ है। एडीएम वित्त ने सभी तहसीलों से 24 घंटे में फसलों में हुए नुकसान की रिपोर्ट मांगी थी।
शनिवार तक अधिकांश तहसीलों से किसानों की गाटावार रिपोर्ट नहीं आ पाई। जानकारों की मानें तो जिले में 100 करोड़ से अधिक नुकसान हुआ है।
एडीएम वित्त विधान जायसवाल ने बताया कि 33 फीसद से अधिक नुकसान होने पर 13500 रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा मिलेगा। कम नुकसान वाले किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से मदद मिलेगी।
बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को हुए नुकसान की भरपाई की मांग को लेकर राष्ट्रीय लोकदल के पदाधिकारियों ने कलक्ट्रेट पर शनिवार को प्रदर्शन किया।
नारेबाजी कर सीएम के नाम दिए ज्ञापन में मुआवजे की मांग उठाई। छुट््टा गोवंश से फसल बर्बादी की समस्याओं को भी उठाया गया। मांग की कि 20 हजार रुपये प्रति बीघा मुआवजा दिया जाए। इस मौके पर पूर्व जिलाध्यक्ष रामबहादुर चौधरी, अनीस चौहान, जियाउर्रहमान , कुलदीप चौधरी, रणधीर प्रधान आदि मौजूद रहे ।