यूपी: बीजेपी के सांसद जयप्रकाश ने वेंटिलेटर खरीदने के लिए दी गई सांसद निधि के मुद्दे पर बेबसी जताई

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के भारतीय जनता पार्टी के सांसद जयप्रकाश रावत ने सरकारी कामकाज पर सोशल मीडिया के जरिए निशाना साधा है. इसके अलावा बीजेपी विधायक भी सोशल मीडिया पर अपना दर्द बयां करते हुए नजर आए.

सांसद और विधायक दोनों ही सरकारी सिस्टम पर निशाना साधते हुए दिखाई दिए. सांसद और विधायक का फेसबुक पोस्ट पर कमेंट चर्चा का विषय बना हुआ है.

दरअसल, एक फेसबुक यूजर के अकाउंट पर कमेंट बॉक्स में भारतीय जनता पार्टी के हरदोई के सांसद जयप्रकाश ने वेंटिलेटर खरीदने के लिए दी गई सांसद निधि के मुद्दे पर बेबसी जताई. उन्होंने लिखा है कि जब से ऊपर से आदेश हो गया है कि अधिकारी अपने विवेक से काम करें, तो हमको कौन सुनेगा. उन्होंने यह भी लिखा है कि हमने अपने 30 साल के कार्यकाल में ऐसी बेबसी कभी महसूस नहीं की.

इसी फेसबुक पोस्ट पर पूर्व में भी अपनी ही सरकार पर टिप्पणी करने वाले हरदोई जिले के गोपामऊ से बीजेपी विधायक श्याम प्रकाश ने कमीशनबाजी की बात करते हुए लिखा है कि सब कमीशनखोरी की भेंट चढ़ गया. वहीं एक फेसबुक यूजर ने लिखा कि जब इनकी कोई गिनती ही नहीं तो इस्तीफा दे दे. हालांकि फेसबुक पोस्ट पर किए कमेंट पर बीजेपी सांसद इस मामले पर सामने से कुछ भी बोलने से इनकार कर रहे हैं. उनका कहना है कि उन्होंने सिस्टम पर सवाल किया था.

दरअसल, हरदोई से बीजेपी सांसद जयप्रकाश रावत ने कोरोना वायरस के काल में अपनी निधि से वेंटिलेटर खरीद के लिए 25 लाख रुपए दिए थे. वहीं वेंटिलेटर की समस्या को लेकर हरदोई के सांसद समर्थक एक फेसबुक यूजर प्रियम मिश्रा ने अपनी फेसबुक पोस्ट पर सांसद और विधायक निधि से वेंटिलेटर खरीद का मामला उठाते हुए लिखा था कि जो पैसा सांसद और विधायकों ने अपनी निधि से दिया, उससे अगर हरदोई जिला चिकित्सालय में एक वेंटिलेटर मशीन लग जाए तो लोगो को कोरोना के बाद राहत मिलेगी.

उसके इसी पोस्ट पर गोपामऊ से भारतीय जनता पार्टी के विधायक श्याम प्रकाश ने कमेंट करते हुए लिखा, ‘सब कमीशन खोरी की भेंट चढ़ गया है.’ विधायक के कमेंट के बाद भारतीय जनता पार्टी के सांसद जयप्रकाश ने भी कमेंट करते हुए लिखा, ‘मैंने अपनी निधि इस शर्त पर दी थी कि वेंटिलेटर खरीदा जाए लेकिन ऐसा हुआ नहीं, निधि कहां गई पता नहीं.’

उसके बाद फिर उन्होंने त्रिपरेश मिश्रा नामक एक यूजर को संबोधित करते हुए लिखा, ‘जब ऊपर से यह निर्देश होगा कि अधिकारी अपने विवेक से काम करे तो हमको कौन सुनेगा, हमने अपने तीस वर्ष के कार्यकाल में ऐसी बेबसी कभी महसूस नहीं की.’

वहीं इसी पोस्ट पर एक कमेंट पर बीजेपी के जिला उपाध्यक्ष राजेश अग्निहोत्री ने भी जवाब देते हुए लिखा कि मान्यवर जानकारी कर लें कि कोविड हॉस्पिटल में 12 वेंटिलेटर सक्रिय हैं.

हालांकि सांसद जयप्रकाश लखनऊ में ही अधिकतर रहते हैं. उन्होंने इस मामले पर कैमरे के सामने बोलने से इनकार करते हुए बताया कि उन्होंने सिस्टम में कमी को लेकर अपनी बात कही थी. इस फेसबुक पोस्ट पर एक यूजर ने यहां तक लिख दिया कि जब उनकी कोई गिनती नहीं है तो इस्तीफ क्यों नहीं दे देते.

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