यूपी बार काउंसिल के चुनाव में दूसरे और अंतिम चरण का मतदान मंगलवार को शुरू हुआ, जिसमें वकीलों ने बढ़ चढ़कर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। पहले दिन इलाहाबाद में 5156 वोट पड़े, जबकि यहां मतदाताओं की संख्या करीब 18000 है। इसके अलावा 37 अन्य जिलों में पहले दिन 25-30 प्रतिशत वोट डाले गए।इलाहाबाद में अपर महाधिवक्ता नीरज त्रिपाठी व डीजीसी (क्रिमनल) राम अभिलाष सिंह के नेतृत्व में सरकारी वकीलों ने मतदान कराने का दायित्व संभाला। इनमें अपर महाधिवक्ता व डीजीसी के अलावा जिला न्यायालय के 10 और हाईकोर्ट के आठ वकील शामिल थे। बार काउंसिल परिसर में पर्ची बनाने के लिए 20 पटल बनाए गए थे। 18 काउंटरों से मतदाताओं ने सरकारी वकीलों से बैलट पेपर लिया और फिर बूथ पर पहुंचकर मतदान किया। कई वकीलों ने बूथों की बजाय बाहर एक साथ बैठकर वोट डाले। इस पर कई प्रत्याशियों ने विरोध जताया।
उनका कहना था कि ऐसे वकीलों के बीच तक कुछ प्रत्याशी भी पहुंच गए और उन्होंने अपने लिए वोट डलवाने की कोशिश भी की। मतदान कार्य की जिम्मेदारी निभा रहे सरकारी वकीलों ने उन्हें बताया कि भीड़ बढ़ जाने पर कुछ वकीलों ने बाहर निकलकर मतदान जरूर किया लेकिन, उनके बीच प्रत्याशी नहीं पहुंचे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी के जनसंपर्क अधिकारी शशिशेखर तिवारी ने बताया कि मतदान की पूरी प्रक्रिया सीसीटीवी कैमरे में रिकार्ड है।
निर्वाचन अधिकारी न्यायमूर्ति राजाराम यादव के अनुसार इलाहाबाद के अलावा 37 अन्य जिलों में भी दूसरे चरण का मतदान प्रारंभ हुआ। मतदान के बाद बैलेट पेपरों को सीलबंद करके स्ट्रांग रूम में रख दिया गया। अपर महाधिवक्ता नीरज त्रिपाठी ने बताया कि स्ट्रांग रूम में सीसीटीवी कैमरा लगा है।