कोरोना वायरस के संक्रमण काल में भी तमाम रिकॉर्ड बनाने वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने 20 अगस्त से विधानमंडल का मानसून सत्र आयोजित किया गया है। इससे पहले यूपी विधानसभा सचिवालय में सोमवार को पूरे स्टाफ की कोरोना जांच कराई गई, जिसमें 24 अधिकारी, कर्मचारी व सुरक्षाकर्मी पॉजिटिव पाए गए। कोविड-19 महामारी को देखते हुए 20 अगस्त से शुरू हो रहे विधानमंडल के मानसून सत्र से पहले एहतियात के तौर पर सभी का कोरोना टेस्ट कराया जा रहा है। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित के निर्देश पर सत्र शुरू होने से पहले विधानभवन में कार्यरत सभी अधिकारी व कर्मचारियों की जांच कराई जा रही है। इसी क्रम में विधायकों व विधान परिषद सदस्यों की भी जांच कराई जाएगी।
लखनऊ के एसीएमओ डॉ.एमके सिंह के मुताबिक देर शाम तक 622 अधिकारी, कर्मचारी व सुरक्षा में तैनात कर्मियों की जांच हो चुकी थी और उसमें से 22 में कोरोना संक्रमण पाया गया है। फिलहाल 22 लोगों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद अब इनकी कांटेक्ट ट्रेसिंग का काम शुरू हो गया है, इनके संपर्क में आए लोगों की भी जांच होगी। वहीं सैनिटाइजेशन के साथ विधानसभा में कोरोना से बचाव के लिए सभी जरूरी उपाय किए जा रहे हैं। प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप दुबे की ओर से कोरोना वायरस से बचाव के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि विधानसभा सचिवालय में 24 अधिकारियों व कर्मचारियों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद सभी को आइसोलेट कर दिया गया है। अभी टेस्टिंग का काम लगातार चलेगा आगे विधायकों और विधान परिषद सदस्यों इत्यादि की भी कोरोना जांच करवाई जाएगी। 20 अगस्त से शुरू हो रहा विधानमंडल का मानसून सत्र चलेगा। इसको किसी भी कीमत पर टाला नहीं जाएगा।
विधानमंडल के इस विशेष सत्र में विधानसभा तथा विधान परिषद की कार्यवाही होगी। इस सत्र के शुरू होने से पहले ही सभी विधायक और यहां के सभी कर्मचारियों का कोरोना टेस्ट होगा। सरकार ने इस सत्र के दौरान विधानभवन की कैंटीन बंद रखने का निर्णय लिया है। विधानमंडल का चार दिवसीय मानसून 20 अगस्त से शुरू होना है। इस सत्र को विशेष माना जा रहा है। सत्र की तैयारियों को लेकर विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने दलीय नेताओं के साथ बैठक की थी। इस बैठक में कोरोना प्रोटोकॉल के साथ सत्र चलाने पर सहमति बनी थी। सत्र के दौरान विधानभवन की कैंटीन बंद रखने का निर्णय लिया गया। सत्र के दौरान विधानसभा परिसर में कम से कम लोग आएं इसके लिए पूर्व विधायक, सांसद के विधानसभा का स्थायी पास भी स्थगित किया गया।
वहीं विधानसभा सदस्यों के बैठने का क्रम भी बदल दिया गया। दर्शक दीर्घा में दर्शकों के बजाए विधान सभा के सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गई है। सत्र के दौरान परिसर में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति पर नजर रखी जायेगी। कोरोना के दौरान आयोजित किए जा रहे इस सत्र में सरकार किसी प्रकार का जोखिम नहीं उठाना चाहती है।