उत्तर प्रदेश में अपराध की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. मुख्यमंत्री के अपने क्षेत्र गोरखपुर में एक परिवार के आंसू नहीं थम रहे तो इधर कानपुर में एक महीने से एक परिवार खून के आंसू रो रहा है.
अपराध की आग में इन दोनों परिवारों के चिराग बुझ गए हैं. बिकरू कांड में भी कानपुर की पुलिस सोती रही. लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का दफ्तर से लौटते वक्त अपहरण हो गया. यूपी पुलिस न संजीत को बरामद कर पाई और न ही वक्त पर अपहरणकर्ताओं को पकड़ पाई.
हालिया घटना गोरखपुर की है जिसमें पांचवीं क्लास के एक छात्र का अपहरण कर हत्या किए जाने की घटना सामने आई. बच्चे को अपहरणकर्ताओं से मुक्त कराने का ऑपरेशन चला रही स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बच्चे का शव बरामद कर लिया है.
गोरखपुर के एक पान विक्रेता के बेटे का 26 जुलाई को अपहरण कर लिया गया था. अपहरणकर्ताओं ने पान विक्रेता से एक करोड़ की फिरौती मांगी थी. सरकार इस घटना में अपराधियों के खिलाफ रासुका लगाने पर विचार कर रही है. पीड़ित परिवार के लिए 5 लाख के मुआवजे का ऐलान किया गया है.
कानपुर पुलिस की बार-बार नाकामियों के बाद वहां के कप्तान का तबादला कर दिया गया है. नए कप्तान आ गए हैं. उन्होंने संजीत यादव के घरवालों से वादा किया है कि वे अपहरण और मर्डर केस में सच सामने लाएंगे.
कुछ ऐसा ही हाल बुलंदशहर का है. यहां एक वकील कई दिन से लापता है, लेकिन पुलिस अबतक अता पता नहीं लगा पाई है. अब ड्रोन कैमरे से खोजी अभियान चलाया जा रहा है. इससे पहले कासगंज में ट्रिपल मर्डर से सनसनी फैल गई थी.
आपराधिक घटनाओं को लेकर विपक्ष ने सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा है कि यूपी में जंगलराज है. उन्होंने ट्वीट में लिखा, यूपी में हर दिन गुंडाराज के नए रिकॉर्ड बन रहे हैं.
सीएम के गृहक्षेत्र में अपहरण की घटना घटी है. कासगंज में हत्याकांड. लेकिन दिखावे के लिए कुछ ट्रांसफर के अलावा और कुछ होता ही नहीं है. जंगलराज बढ़ता जा रहा है. दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि अब यूपी में सरकार बीजेपी के हाथों से निकलकर अपराधियों के हाथों में चली गई है.