उत्तर प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की जमानत मंजूर कर ली गई है। उन्हें 21 मई को गिरफ्तार किया गया था।
मंगलवार को मामले पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने ये फैसला दिया।
उन्हें आगरा में लॉकडाउन के दौरान धरना प्रदर्शन करने पर गिरफ्तार किया गया था। दरअसल, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने लॉकडाउन के दौरान वापस लौट रहे श्रमिकों को उनके घरों तक भेजने के लिए एक हजार बसें भेजी थीं।
लिस्ट में गड़बड़ी होने के आरोप में प्रियंका गांधी के सचिव संदीप सिंह के खिलाफ हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को आगरा से गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद जेल भेज दिया गया। मंगलवार को उनकी जमानत मंजूर कर ली गई।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से जमानत मिल गई है। लल्लू को लखनऊ पुलिस ने 21 मई को आगरा से गिरफ्तार किया था।
तब से वह जेल में है। जमानत मिलने के बाद अब वह जेल से बाहर आ सकेंगे। आरोप है कि, लल्लू ने फतेहपुर सीकरी और आगरा में महामारी के दौरान धरना-प्रदर्शन किया था।
सरकार ने कांग्रेस की एक हजार बस की सूची में गड़बड़ी बताकर इन्हें लेने से मना कर दिया था। बस सूची के मामले में प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह पर हजरतगंज कोतवाली में केस दर्ज किया गया था।
यूपी सरकार व कांग्रेस के बीच बसों कर सूची को लेकर मचे सियायी घमासान के बीच अजय कुमार लल्लू बीते 20 मई को आगरा में अवैध तरीके से धरना प्रदर्शन कर रहे थे।
तभी उन्हें महामारी एक्ट के उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जहां अगले दिन जमानत मिलने के बाद लखनऊ पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था।
एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट ने एक जून को उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। इसके बाद लल्लू ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। दलील दी गई थी कि, लल्लू की बस सूची विवाद में कोई भूमिका नहीं है। उन्हें राजनीतिक कारणों से फंसाया गया है। जिस पर मामले की सुनवाई के 16 जून को तारीख दी गई थी।