संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के प्रिंस मोहम्मद बिन जायेद 29 साल की उम्र में देश की छोटी सी वायुसेना के कमांडर के तौर पर वॉशिंगटन से हथियार खरीदने के लिए पहुंचे थे. 1991 में कुवैत पर इराक के हमले के कुछ महीनों बाद ही युवा प्रिंस तेल के सहारे चल रही राजशाही की सुरक्षा के लिए हेलफायर मिसाइल- एफ-16 फाइटर जेट से लेकर अपाचे हेलिकॉप्टर तक इतने सैन्य हथियार खरीदना चाहते थे कि अमेरिकी कांग्रेस को भी चिंता सताने लगी थी कि कहीं क्षेत्र में अस्थिरता ना बढ़ जाए. अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन खाड़ी में एक भरोसेमंद सहयोगी की तलाश कर रहा था और प्रिंस मोहम्मद जायेद में उसकी ये खोज पूरी हो गई.

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