भारतीय क्रिकेट टीम इस विश्व कप में फाइनल में जगह बनाने से चूक गई और इसके बाद टीम इंडिया अब एक नई शुरुआत की तरफ अग्रसर हो रही है। भारतीय टीम का अगला मुकाम वेस्टइंडीज है जहां उसे तीन टी 20 और इतने ही वनडे मैचों की सीरीज खेलनी है। इसके बाद भारतीय टीम वहां पर दो टेस्ट मुकाबले भी खेलेगी।
इन सब मैचों के लिए भारतीय टीम का एलान किया जा चुका है। अब जरा बात करते हैं भारतीय वनडे टीम की जो नंबर चार पर एक स्थाई बल्लेबाज की खोज में लगातार लगी है। नंबर चार पर एक स्थाई बल्लेबाज की कमी टीम इंडिया को विश्व कप में भी खली जहां पर लोकेश राहुल, विजय शंकर और फिर रिषभ पंत का आजमाया गया। टीम इंडिया की किस्मत खराब थी कि धवन चोटिल हो गए और लोकेश को ओपनिंग की जिम्मेदारी संभालनी पड़ी और इसके बाद की कहानी आप सबको पता है।
अब जरा अतीत में चलते हैं। जब से युवराज सिंह की टीम इंडिया से विदाई हुई उसके बाद से भारतीय टीम को लगातार इस नंबर पर एक स्थाई बल्लेबाज के लिए जूझना पड़ा है। अब युवराज सिंह को यहां पर याद क्यों किया गया इसके पीछे बेहद दिलचस्प किस्सा है। टीम इंडिया इससे पहले भी कई बार वेस्टइंडीज जा चुकी है पर चौथे नंबर पर भारत की तरफ से बल्लेबाजी करते हुए युवराज सिंह ने जो कमाल किया था वो और कोई नहीं कर पाया। युवराज सिंह भारत के एकमात्र बल्लेबाज हैं जिन्होंने वेस्टइंडीज में चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए वनडे क्रिकेट में शतक लगाया था।
वर्ष 2009 में टीम इंडिया कैरेबियाई दौरे पर गई है और उस वर्ष युवराज सिंह ने भारत की तरफ से वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे क्रिकेट में नंबर चार पर खेलते हुए 131 रन की पारी खेली थी। युवी से पहले और उनके बाद यानी अब तक अन्य कोई भारतीय बल्लेबाज ये कमाल नहीं कर पाया है। धोनी की कप्तानी में युवराज सिंह ने इस मैच में 102 गेंदों पर 131 रन की पारी खेली थी। अपनी पारी में उन्होंने दस चौके व सात छक्के लगाए थे। इस मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में छह विकेट पर कुल 339 रन बनाए थे। इसके जबाव में वेस्टइंडीज की टीम 48.1 ओवर में 319 रन पर ऑल आउट हो गई थी और भारत को 20 रनों से जीत मिली थी। अब युवी जैसा कमाल इस दौरे पर कौन बल्लेबाज कर पाएगा ये देखना दिलचस्प होगा।