मानसिक रोग चिकित्सालय इंदौर में प्रदेश का पहला ड्रग ट्रीटमेंट क्लिनिक खोला जाएगा। इस सेंटर में शराब के अलावा ब्राउन शुगर, चरस-अफीम जैसे नशे के आदी मरीजों का भी इलाज हो सकेगा। केंद्र सरकार के प्रोजेक्ट से इस क्लिनिक में एक डॉक्टर, नर्स व अन्य स्टाफ की नियुक्ति होगी। 11 जनवरी को रीजनल ड्रग डिएडिक्शन सेंटर मुंबई से टीम आएगी जो पूरा स्टीमेट बनाकर सरकार को सौंपेगी।
जानकारी के अनुसार, पूरे प्रदेश में करीब दो लाख ब्राउन शुगर, चरस व अफीम के आदी लोग हैं। इसमें इंदौर व ग्वालियर में ही नशा करने वाले 50 हजार से अधिक युवा हैं। ऐसे में यह क्लिनिक युवाओं को नशे से दूर करने में सहायक होगा। डोडा-अफीम, चरस या ब्राउन शुगर छुड़वाने की दवाएं या क्लिनिक अभी प्रदेश में उपलब्ध नहीं है। बाजार या प्राइवेट अस्पतालों में ये दवाएं प्रतिबंधित हैं।
दवाएं नेशनल ड्रग डिपेंडेश ट्रीटमेंट सेंटर एम्स (नई दिल्ली) व बॉम्बे ड्रग डिएडिक्शन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में ही उपलब्ध होती है। अभी पूरे प्रदेश में इस तरह का सेंटर नहीं है। इस क्लिनिक को बनाने के लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज की तरफ से जगह दी जा रही है। यहां ओपीडी, डॉक्टर व स्टाफ रूम के साथ ही अलग वार्ड भी बनाया जाएगा।