आमतौर पर माना जाता है कि हमारी मुस्कुराहट हमारी खुशी को दर्शाती है। खासकर कि जब हम किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह के साथ व्यस्त होते हैं तो मुस्कुराहट का यही मतलब निकालते हैं। असल में यह सच नहीं है। एक अध्ययन में सामने आया है कि यदि कोई व्यक्ति मुस्कुरा रहा है तो इसका मतलब ये जरूरी नहीं कि वह खुश हो।
शोधकर्ताओं ने मुस्कुराहट को सामाजिक बातचीत के लिए इस्तेमाल होने वाला टूल बताया है। ब्रिटेन स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स के शोधकर्ताओं द्वारा किए अध्ययन में ये परिणाम सामने आए हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि लोग आमतौर पर कंप्यूटर के साथ वैसे ही पेश आते हैं, जैसे लोगों से बातचीत करते हुए। इसलिए यह प्रयोग कंप्यूटर की मदद से किया गया।
शोधकर्ताओं ने अध्ययन में 18 से 35 वर्ष के 44 प्रतिभागियों को शामिल किया। प्रतिभागियों को कंप्यूटर के सामने बैठाकर उनसे भूगोल के कठिन सवाल पूछे गए। इसके पीछे मकसद ये था कि वे गलत उत्तर दें। हर प्रतिभागी कमरे में कंप्यूटर के साथ अकेला था। हालांकि, इस दौरान उनके चेहरे की वीडियो रिकॉर्डिंग की जा रही थी।
क्विज के बाद शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों से 12 तरह की भावनाओं, जिनमें ऊबाऊ, दिलचस्प और निराशाजनक जैसी भावनाएं शामिल थीं उनमें अनुभव को साझा करने को कहा। इसके बाद उनके चेहरों की सहज अभिव्यक्ति का कंप्यूटर द्वारा फ्रेम दर फ्रेम विश्लेषण किया गया और मुस्कुराहट के आधार पर पैमाने पर शून्य से एक अंक दिए गए।