हर चीज और काम के जहां फायदे हैं, वहां नुकसान भी हैं. चलिए, आज हम बात करते हैं, समलैंगिक रिश्तों की और सामान लोगों द्वारा बनाए जा रहे शारीरिक संबंधों की. इन दिनों एक ही लिंग के लोगों का आपस में शादी कर लेना आम सी बात हो गई है. वह अपने हको के लिए लड़ाई भी लड़ रहे हैं. यह विदेशी संस्कृति अब हमारे देश की ओर भी बढ़ रही है लेकिन क्या ऐसा करना सहीं है हमारी मानें तो ऐसा करना गलत है? क्योंकि ऐसा शादी से इंसान को नुकसान ही पहुंचता है.

1. संसार की रचना में बड़ी रूकावट: सबसे पहला असर हमारे वजूद को पड़ेगा. भगवान ने स्त्री और पुरुष के संबंधों को बनाया था जिसे अब मजाक बनाया जा रहा है. इससे संसार की रचना में रूकावट आ रही है.
2. बीमारियों का बसेरा: यह बात तो हमारे शास्त्र भी बताते हैं कि समलैंगिकता हमारे शरीर के लिए सही नहीं है. ऐसा व्यक्ति बीमारियों का घर बन जाता है. लगभग 95 प्रतिशत समलैंगिक लोग किसी ना किसी बीमारी से ग्रस्त होते हैं.
3. नैचुरल कानून तोड़ रहे: नैचुरल कानून के अनुसार, पुरुष स्त्री एक दूसरे के बिना अधूरे हैं. एक दूसरे के बिना उनका कोई वजूद नहीं. समलैंगिक कपल यह कानून तोड़ रहे हैं नतीजा तो संपूर्ण मानव जाति को भुगतना पड़ेगा.
4. पीढ़ियों पर बुरा असर: अगर समलैंगिक लोगों की आबादी बढ़ेगी तो आने वाले समय में पीढ़ियों पर भी बुरा असर पड़ेगा. बच्चे जो देखेंगे वहीं करेंगे.
5. अपनी संतान पैदा नहीं कर सकते: माता पिता ही एक बच्चे का संपूर्ण विकास कर सकते हैं लेकिन समलैंगिक कपल ऐसा नहीं कर पाएंगे ना ही संतान को जन्म दे पाते हैं जाहिर सी बात है कि वह बच्चे गोद लेंगे. बहुत सी बातें ऐसी होता है जो मां सिखाती हैं तो कुछ पिता लेकिन समलैंगिक इन नियमों का उल्लंघन कर रही है.
6. शारीरिक संबंधों नहीं बना पातें: शारीरिक संबंधों को भी इंसान की एक बड़ी जरूरत बताया गया है. स्त्री-पुरुष सेक्स करते हैं तो इससे इंसान की अपराध जैसी प्रवृत्ति भी शांत होती है . समलैंगिक लोग कुछ समय तक तो खुश रहते हैं लेकिन बाद में किसी अपराधी की तरह जीने लगते हैं.
7. खुद का परिवार नहीं बनता: भारत में एक स्त्री-पुरुष शादी करते हैं और मरते दम तक साथ रहते हैं. इस बीच एक परिवार का निर्माण होता है और स्वस्थ्य परिवार का जन्म होता है किन्तु समलैंगिक लोग तो मात्र कुछ साल बाद अलग हो जाते हैं ना कोई परिवार बनता है ना कोई साथी.
8. समाज में इज्जत नहीं: बेशक समलैंगिक शादी से जुड़े नए नए कानून बन गए हो लेकिन समाज में ऐसे लोगों को इज्जत नहीं मिलती.
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