जम्मू कश्मीर के नगरोटा के पास बान टोल प्लाजा पर गुरुवार की सुबह मारे गए आतंकी संगठन जैशे मोहम्मद के चारों आतंकी अपने सरगना मौलाना मसूद अजहर के भाई मुफ्ती रऊफ असगर से भारत में बड़े हमले का फरमान पाकर आए थे। गनीमत रही कि देश की सजग सुरक्षा एजेंसियों व सुरक्षा बलों ने उनकी साजिश का विफल कर दिया।

आतंकियों के साथ मुठभेड़ इत्तेफाक से नहीं हुई थी। यह खुफिया सूचना आधारित ऑपरेशन था। सुरक्षाबलों का मानना है कि सीमापार से आए आतंकी एक बड़े हमले को अंजाम देने वाले थे। इस घटना से संबंधित जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है कि ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) डिवाइस के शुरुआती आंकड़ों से और चारों आतंकवादियों के पास मिले मोबाइल फोन से पता चलता है कि वे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के ऑपरेशनल कमांडर मुफ्ती रऊफ असगर और कारी जरार के संपर्क में थे। इनका मकसद कश्मीर घाटी में बड़ा हमला करना था।
मुफ्ती असगर जेईएम प्रमुख और संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित वैश्विक आतंकी मसूद अजहर का छोटा भाई है। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गृह मंत्री अमित शाह, विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला और दो खुफिया प्रमुखों की उपस्थिति में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने पूरे ऑपरेशन के बारे में बताया।
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकियों को मार गिराने की घटना और उन आतंकवादियों के पास से भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद होना इस ओर संकेत करता है कि भीषण तबाही और नुकसान करने की उनकी कोशिशों को एक बार फिर नाकाम कर दिया गया।’
सुरक्षाबलों को बहादुरी पर धन्यवाद देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारे सुरक्षा बलों ने एक बार फिर शानदार बहादुरी दिखाई है और अपनी निपुणता का परिचय दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे सैनिकों ने जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर पर हो रहे लोकतांत्रिक अभ्यास को निशाना बनाने की एक और साजिश को नाकाम कर दिया, उनकी सतर्कता को धन्यवाद।’
घटना की जानकारी रखने वाले लोगों ने कहा कि पाकिस्तान अब भारत को निशाना बनाने के लिए जिहादी समूह जेईएम के जरिए सीमापार से आत्मघाती हमलावरों को भेज रहा है। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तानी एजेंसियों ने बालाकोट प्रशिक्षण केंद्र को जेईएम को सौंप दिया है। यहां स्थित आतंकी बेस को पिछले साल फरवरी में भारतीय वायुसेना ने ध्वस्त कर दिया था।
शुरुआती जांच में पता चला है कि चारों आतंकी पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से ताल्लुक रखते थे। वे सांबा सेक्टर से भारत में दाखिल हुए थे। जहां शीर्ष आतंकवाद विरोधी विशेषज्ञ अभी भी आतंकवादियों के संभावित ठिकानों की जांच कर रहे हैं। वहीं उनके पास मिले हथियार, गोला-बारूद, हथगोले और विस्फोटक (आरडीएक्स) स्पष्ट रूप से ये इंगित करते हैं कि वे घाटी को दहलाना चाहते थे।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal