दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टी-20 मैच में पाकिस्तान को जीत मिली. इस जीत के हीरो थे मोहम्मद रिजवान . पाकिस्तान ने 20 ओवर में जो 169 रन जोड़े थे उसमें से 104 रन अकेले मोहम्मद रिजवान के थे. मोहम्मद रिजवान के अलावा बाकी कोई भी बल्लेबाज 25 रन तक भी नहीं पहुंचा. कप्तान बाबर आजम तो खाता खोले बिना ही रन आउट होकर पवेलियन लौट गए थे.
बल्ले के अलावा मोहम्मद रिजवान ने विकेट के पीछे एक रन आउट और एक कैच भी लिया. उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया. हैरान करने वाली बात ये है कि टी-20 सीरीज के शुरू होने से पहले पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड में इस बात की चर्चा गर्म थी कि मोहम्मद रिजवान टी-20 फॉर्मेट के खिलाड़ी हैं भी या नहीं.
कई पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी कह रहे थे कि मोहम्मद रिजवान की ‘टेंपरामेंट’ टी-20 के लायक नहीं है. मोहम्मद रिजवान ने पहले ही टी-20 मैच मे ऐसे आलोचकों के मुंह पर ताला जड़ दिया है. वो अब पाकिस्तान के इकलौते विकेटकीपर बल्लेबाज हैं जिनके खाते में टेस्ट, वनडे और टी-20 तीनों फॉर्मेट में शतक है. 28 साल के मोहम्मद रिजवान ने इससे पहले रावलपिंडी में मुश्किल परिस्थितियों में शतक लगाया था. पाकिस्तान की टीम दूसरी पारी में 76 रन पर पांच विकेट गंवा चुकी थी. इसके बाद उन्होंने नॉट आउट 115 रन की पारी खेली.
उनके इसी शतक की बदौलत पाकिस्तान ने दूसरी पारी में भी 298 रन बनाए और दक्षिण अफ्रीका के सामने जीत के लिए 370 रन का लक्ष्य रखा. इस टेस्ट मैच में पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका की हार जीत में 95 रन का अंतर था.
आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि मोहम्मद रिजवान के 115 रन का इस जीत में क्या योगदान था. दरअसल टी-20 फॉर्मेट में मोहम्मद रिजवान की स्ट्राइक रेट 120 से कम की थी. इसी वजह से पाकिस्तान के क्रिकेट गलियारे में ये चर्चा रहती थी कि वो टी-20 फॉर्मेट के लिए सही खिलाड़ी नहीं हैं. वो चौके-छक्के नहीं लगा सकते हैं. लेकिन गुरुवार को उनकी पारी को देखने के बाद पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक़ भी ये कहने लगे कि लोगों को चौके-छक्के की बजाए ये देखना चाहिए कि वो कितनी जल्दी-जल्दी स्ट्राइक रोटेट करते हैं. इसके अलावा खराब गेंद पर शॉट्स लगाने से भी वो नहीं चूकते. न्यूज़ीलैंड के खिलाफ सीरीज के बाद उनकी फॉर्म लगातार बेहतर हुई है.
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मौजूदा सीरीज में इससे पहले फवाद आलम ने पाकिस्तान क्रिकेट के हुक्मरानों को करारा जवाब दिया था. फवाद आलम की हाल ही में 11 साल बाद टेस्ट टीम में वापसी हुई है. वापसी के बाद वो 2 शतक ठोक चुके हैं. कराची टेस्ट में पहली पारी में दक्षिण अफ्रीका के 220 रन के जवाब में पाकिस्तान भी 176 रन पर 6 विकेट खो चुका था. लेकिन फवाद आलम ने एक बार फिर अपनी शानदार बल्लेबाजी का मुजाहिरा करते हुए 109 रन बनाए. उनके इसी शतक की बदौलत पाकिस्तान ने पहली पारी में 378 रन बनाए और दक्षिण अफ्रीका पर 150 रन से ज्यादा की बढ़त हासिल की. यही बढ़त बाद में पाकिस्तान की जीत में काम आई.
पाकिस्तान ने पहला टेस्ट मैच 7 विकेट के अंतर से जीता था. दिलचस्प बात ये है कि 11 साल तक फवाद आलम को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से बाहर रखने की जिम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं है. जो फवाद आलम 24 साल में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में आए थे अब 34 साल के हो चुके हैं. लेकिन उनके 10 साल बर्बाद करने वाले पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड में मौज काट रहे हैं.