आजकल के समय में मोबाइल को अगर हम betterhalf बोले तो कुछ गलत नहीं होगा क्युकी हमारा आधा काम भी वही से हो जाता है इस बागडौर भरी जिंदगी में मोबाइल ने जहाँ हमारे काम को आसान कर दिया है वही इससे कई साइड इफेक्ट्स भी देखने को मिल रहे है जैसे की दिन भर मोबाइल पर बात करने वाले या चैट में बिजी रहने वाले लोगों की प्रजनन क्षमता प्रभावित हो रही है। तमाम शोध इस बात को पुख्ता कर चुके हैं कि मोबाइल और उनके टॉवर से निकलने वाली रेडिएशन पुरुषों में स्पर्म काउंट कम करती है और महिलाओं में प्रजनन क्षमता को कम कर देती है। सिर्फ इतना ही नहीं मोबाइल रेडिएशन से ब्रेन ट्यूमर का भी खतरा हो सकता है।
दिन भर में 24 मिनट तक मोबाइल फोन का इस्तेमाल सेहत के लिहाज से ठीक है। यहां यह भी अहम है कि आपके मोबाइल की SAR वैल्यू क्या है? ज्यादा SAR वैल्यू के फोन पर कम देर बात करना कम SAR वैल्यू वाले फोन पर ज्यादा बात करने से ज्यादा नुकसानदेह है। लंबे वक्त तक बातचीत के लिए लैंडलाइन फोन का इस्तेमाल रेडिएशन से बचने का आसान तरीका है। इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि ऑफिस या घर में लैंडलाइन फोन का इस्तेमाल करें। कॉर्डलेस फोन के इस्तेमाल से बचें। विशेषज्ञों का कहना है कि मोबाइल रेडिएशन से सिरदर्द, सिर में झनझनाहट, लगातार थकान महसूस करना, चक्कर आना, डिप्रेशन, नींद न आना, आंखों में ड्राइनेस, काम में ध्यान न लगना, कानों का बजना, सुनने में कमी, याददाश्त में कमी, पाचन में गड़बड़ी, अनियमित धड़कन, जोड़ों में दर्द आदि की समस्या हो सकती है। लगातार मोबाइल इस्तेमाल करने वालें लोगों में इनमें से कोई न कोई समस्या जरूर देखने में आती है। इसलिए अपने अच्छे सेहत के लिए मोबाइल के इस्तेमाल को जरुरत होने पर ही करे क्युकी कहते है अति किसी बात की अच्छी नहीं होती है।