यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यस बैंक संकट पर ट्वीट करते हुए सरकार को घेरा। उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा कि मोदी सरकार ने पहले गरीबों का बैंक में खाता खुलवाया और पैसा जमा करवाया।
नोटबंदी में सबका पैसा बैंक पहुंचाया गया फिर वहां से निकालकर अमीर दोस्तों के साथ बांटकर खाया गया और फिर उन्हें फुर्र करवाया गया और जब लोग अपना पैसा निकालने बैंक गये तो ‘यस’ की जगह ‘नो’ का ठेंगा दिखाया गया|
दरअसल, रिजर्व बैंक ने गुरुवार को संकट में फंसे यस बैंक पर मौद्रिक सीमा लगा दी। इसके तहत खाताधारक अब यस बैंक से 50 हजार रुपये से ज्यादा रकम नहीं निकाल सकेंगे। जिसके बाद बैंक के खाताधारकों में हड़कंप मच गया।
निकासी की यह सीमा 3 अप्रैल, 2020 तक लागू रहेगी। इसके अलावा केंद्रीय बैंक ने यस बैंक के निदेशक मंडल के अधिकारों पर रोक लगाते हुए एक महीने के लिए एसबीआई के पूर्व डीएमडी और सीएफओ प्रशांत कुमार की प्रशासक के रूप में नियुक्ति भी कर दी है।
आरबीआई ने कहा कि यस बैंक लगातार एनपीए की समस्या से जूझ रहा है, जिसके चलते यह फैसला लेना पड़ा है। आरबीआई द्वारा जारी दिशानिर्देशों के मुताबिक, यस बैंक में बचत, चालू या किसी अन्य जमा खाते से एक महीने के दौरान 50 हजार रुपये से ज्यादा धनराशि नहीं निकाली जा सकेगी। इसके अलावा यदि किसी के बैंक में एक से ज्यादा खाते हैं तो भी 50 हजार से ज्यादा धनराशि नहीं निकाली जा सकेगी।