पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में केंद्र सरकार पर निशाना साधा गया है। ट्वीट में कहा गया कि कश्मीर में राजनीतिक नेताओं की छह महीने से जारी हिरासत एक बुरे सपने की तरह है। पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा वापस ले लिया गया था। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा को हिरासत में ले लिया गया और 20 सितंबर से महबूबा की बेटी इल्तिजा उनका ट्विटर अकाउंट चला रही हैं।
इल्तिजा ने अपनी मां के ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किया ‘ठीक छह महीने पहले मैं बेबसी के साथ देखती रही जब अधिकारी मेरी मां को ले गए। दिन हफ्तों में बदले और हफ्ते महीनों में। कश्मीर में अब तक राजनीतिक नेता अवैध हिरासत में हैं। यह एक बुरे सपने जैसा है।’
उन्होंने कहा कि सरकार अपने ही लोगों की आवाज दबा रही है। उन्होंने कहा कि भारत के विचार पर हमला हो रहा है और इस दौरान चुप रहना आपराधिक सहभागिता है। उन्होंने कहा कि इस संकट में आर्थिक और मानसिक असर ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को कमजोर कर दिया है।
बता दें कि नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला के बाद अब उनके बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला व महबूबा मुफ्ती पर गुरुवार शाम पीएसए लगा दिया गया। इसके साथ ही एमएलए हॉस्टल से रिहा किए जाने के तत्काल बाद पीडीपी के वरिष्ठ नेता और महबूबा मुफ्ती के मामा सरताज मदनी व नेकां के जनरल सेक्रेटरी अली मोहम्मद सागर पर भी पीएसए लगा दिया गया।
सूत्रों ने बताया कि उमर, महबूबा की हिरासत की छह महीने की अवधि समाप्त होने के कारण यह फैसला किया गया। अब इन्हें तीन महीने तक बिना किसी ट्रायल के जेल में रखा जा सकता है। हालांकि, आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं की गई है।
गौरतलब है कि इससे पहले बुधवार को पीपुल्स कॉन्फेंस के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री सज्जाद गनी लोन, पीडीपी नेता वहीद, पीडीपी नेता अब्दुल कयूम वानी को भी एमएलए हॉस्टल से रिहा कर दिया गया।
इसके साथ ही रविवार से बुधवार तक नौ नेता व कार्यकर्ता रिहा किए जा चुके हैं। दूसरी ओर यह भी जानकारी आ रही है कि छह महीने से नजरबंद पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को अब स्टेट गेस्ट हाउस में शिफ्ट किया जा सकता है।