नई दिल्ली| कथित गोरक्षकों के दलितों पर अत्याचार के खिलाफ पीएम मोदी का गुस्सा और उनके दो-दो बयान विपक्ष को संतुष्ट कर पाने में नाकाम रहा है। सोमवार को कांग्रेस ने पूरे देश में दलितों के उत्पीड़न के खिलाफ लोकसभा से वॉकआउट किया और पीएम मोदी को मजबूर करार दिया। विपक्ष ने इस मुद्दे पर पीएम मोदी से संसद में बयान देने की मांग की। बीएसपी सुप्रीमो मायावती और यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने भी केंद्र सरकार को गाय और दलितों के मुद्दे पर घेरा।
मोदी के दो-दो बयान से विपक्ष हुआ नाखुश
लोकसभा से वॉकआउट करते हुए कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमने इस मुद्दे पर नियम 193 के तहत चर्चा कराना चाहते थे, लेकिन सरकार तैयार नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि पीएम गरीबों के नाम पर सत्ता में आए लेकिन अब वे उनकी (गरीबों) रक्षा करने में सक्षम नहीं हो पा रहे हैं।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘पीएम मजबूर हो गए हैं। कमजोर हो गए हैं। वह मजबूरी से कह रहे हैं कि कुछ करना है तो दलित के बजाए मुझे गोली मारो।’ गौरतलब है कि हैदराबाद में एक रैली को संबोधित करने के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि हमला करना है तो मुझपर कीजिए, गोली चलानी है तो मुझ पर चलाइए, लवेकिन मेरे दलित भाइयों पर हमले बंद होने चाहिए।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सदन में जवाब देने की बजाय पीएम सदन के बाहर बोल रहे हैं। पीएम मोदी ने इससे पहले अपनी पहली टाउन हॉल मीटिंग में भी कथित गौरक्षकों पर नाराजगी जाहिर की थी। पीएम ने कहा था कि गौरक्षा के नाम पर धंधा चलाया जा रहा है।
उधर, बीएसपी सुप्रीमो मायावती और यूपी सीएम अखिलेश यादव ने भी इस मुद्दे पर पीएम मोदी को निशाने पर लिया है। अखिलेश यादव ने कहा, ‘गाय और गोरक्षा के मामले में सब बीजेपी को जानते हैं। ये सारे नेता दूरिया बढ़ानेऔर विकास की बहस को भटकाने का काम कर रहे हैं। उनको जब अपना नुकसान दिखा, तब उनका यह बयान आया।’
मायावती ने कहा कि पीएम मोदी और बीजेपी 2 साल तक चुप रहे। आज उनकी आंख कैसे खुल गई। माया ने कहा कि यूपी और दूसरे प्रदेशों में जल्द ही चुनाव होने हैं। उन्हें (बीजेपी को) पता है कि दलित उनको वोट करने नहीं जा रहे, इसलिए वे ऐसे बयान दे रहे हैं।
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