शरीर में मैग्नीशियम की कमी होना काफी खतरनाक साबित हो सकता है। हालांकि अगर कुछ लक्षणों पर ध्यान देकर इसकी कमी का पता लगा लिया जाए तो परेशानी को बढ़ने से रोका जा सकता है। आइए जानें मैग्नीशियम की कमी होने पर शरीर में कैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
मैग्नीशियम हमारे शरीर के लिए काफी जरूरी होता है। हालांकि, अच्छी डाइट न होने की वजह से शरीर में इसकी कमी होने लगती है। आपको बता दें कि मैग्नीशियम की कमी का पता बिना ब्लड टेस्ट के नहीं लग पाता है, लेकिन कुछ लक्षणों की मदद से बी इसे पहचाना जा सकता है।
जी हां, शरीर में मैग्नीशियम की कमी के कारण कई परेशानियां होने लगती हैं, जिनके कारण हमारा शरीर में हमें कुछ संकेत देने लगता है। आइए जानें मैग्नीशियम की कमी होने पर शरीर में क्या लक्षण दिखाई देते हैं।
मांसपेशियों में ऐंठन और कंपकंपी
मैग्नीशियम की कमी का यह सबसे मुख्य लक्षण है। मैग्नीशियम मांसपेशियों के आराम और कॉन्ट्रेक्शन को कंट्रोल करने में अहम भूमिका निभाता है। जब इसकी कमी होती है, तो मांसपेशियां ज्यादा एक्टिव हो जाती हैं, जिसके कारण दर्दनाक ऐंठन, मरोड़, या कंपकंपी होने लगती है। यह लक्षण रात में पैरों की मांसपेशियों में ज्यादा नजर आता है।
थकान और मांसपेशियों में कमजोरी
लगातार थकान और सुस्ती महसूस होना केवल नींद की कमी का संकेत नहीं है। मैग्नीशियम की कमी होने पर सेल्स को सही मात्रा में एनर्जी नहीं मिल पाती, जिससे शारीरिक और मानसिक थकान, सुस्ती और आलस बना रहता है। साथ ही, मांसपेशियों में कमजोरी भी इसी कारण होती है।
दिल की अनियमित धड़कन
मैग्नीशियम दिल की मांसपेशियों के सही तरीके से काम करने के लिए बेहद जरूरी है। इसकी कमी होने पर दिल की धड़कन अनियमित हो सकती है, जिसमें दिल का तेजी से धड़कना, हार्ट बीट स्किप होना या धड़कन का असामान्य महसूस होना शामिल है। इसकी कमी के कारण ब्लड प्रेशर भी बढ़ने लगता है, क्योंकि आर्टरीज पूरी तरह रिलैक्स नहीं हो पाती हैं।
स्ट्रेस और एंग्जायटी
मैग्नीशियम नर्वस सिस्टम के लिए काफी जरूरी है। इसलिए इसकी कमी के कारण तनाव, बेचैनी, घबराहट और एंग्जायटी की समस्या बढ़ने लगती है।
माइग्रेन और सिरदर्द
जो लोग अक्सर गंभीर माइग्रेन से पीड़ित रहते हैं, उनमें मैग्नीशियम का स्तर कम पाया जाता है। मैग्नीशियम ब्लड वेसल्सक के कॉन्ट्रेक्शन और न्यूरोट्रांसमीटर्स को कंट्रोल करके माइग्रेन के दौरे को रोकने में मदद करता है।
हड्डियों का कमजोर होना
कैल्शियम के बाद हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए मैग्नीशियम दूसरा सबसे जरूरी मिनरल है। यह कैल्शियम के अब्जॉर्प्शन और हड्डियों के निर्माण में बेहद जरूरी काम करता है। मैग्नीशियम की कमी सीधे तौर पर हड्डियों के डेंसिटी को कम करती है, जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है।