बंगाल विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी लड़ाई नंदीग्राम में लड़ी जानी है और यहां से ममता बनर्जी ने हुंकार भर दी है. मंगलवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने नंदीग्राम आंदोलन की याद दिलाई. ममता बनर्जी ने कहा कि कोई-कोई बंटवारा करने की कोशिश करेगा. ऐसे लोगों की बात मत सुनिएगा. मैं अपना नाम भूल सकती हूं, लेकिन नंदीग्राम नहीं.
उन्होंने कहा कि जब नंदीग्राम में आंदोलन हो रहा था तो मेरे घर काली पूजा हो रही थी. जिस तरह 14 मार्च को गोली चली थी, वो सबको याद है. मैं नंदीग्राम अकेली जा रही थी. मुझे रोकने की कोशिश की जा रही थी. राज्यपाल ने मुझे फोन करके कहा था कि रात को आपको नंदीग्राम नहीं जाना चाहिए. तमाम अत्याचार के बावजूद मैं पीछे नहीं हटी. मेरे ऊपर गोली भी चलाई गई थी, लेकिन मैं बंगाल के लिए डटी रही. इस दौरान ऐसे बहुत से लोगों को हमारे साथ होना चाहिए था, लेकिन वो नहीं आए.
ममता ने कहा कि सिंगुर नहीं होने से नंदीग्राम का आंदोलन नहीं होता. मैं गांव की बेटी हूं. मैंने पहले से ही सोच रखा था कि इस बार नंदीग्राम या सिंगुर से लड़ूंगी. आप लोगों ने मुझे स्वीकार किया है, इसलिए नंदीग्राम आई हूं. अगर आप लोगों को मेरा यहां से चुनाव लड़ना गलत लगता है तो मैं पर्चा नहीं दाखिल करूंगा. आप लोगों की स्वीकृति के बाद ही नामांकन दाखिल करूंगा. इस दौरान ममता बनर्जी ने मंच पर ही चंडी पाठ किया.
बीजेपी के हिंदू कार्ड पर ममता बनर्जी ने कहा कि मैं सुबह चंडी पाठ कर घर से निकलती हूं. मैं चंडी पाठ सुना रही हूं. जो हिंदू मुसलमान कर रहे हैं सुन लें. पांव खींच खींचकर चलकर झूठ मत बोलिए. आने वाले दिनों में नंदीग्राम का मॉडल तैयार करूंगा. एक अप्रैल को उनको अप्रैल फूल कर दीजिएगा. 1 अप्रैल खेला होगा. चुनाव बाद देखूंगी जीभ में कितना जोर है. मिठाई खाइए जीभ की कटुता मिटेगी.
ममता ने कहा कि बीजेपी पुराने सीपीएम को यहां लेकर आई है, जिन्होंने आप पर अत्याचार किया था. उन्हें यहां मत घुसने देना. इस बार महा शिवरात्रि यहीं मनाऊंगी, जल चढ़ा कर यहां से जाऊंगी. बता दें ममता बनर्जी तीन दिन नंदीग्राम में रहेंगी. 10 मार्च को नामांकन दाखिल करेंगी. उनका मुकाबला बीजेपी के शुभेदु अधिकारी से हैं, जो कभी ममता बहुत करीबी थे.