समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता रह चुके अमर सिंह इस वक़्त पार्टी से अलग हो चुके हैं. गौरतलब है कि एक वक्त पर अमर सिंह उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के सबसे करीबी नेताओं में से एक थे माना जाता था कि अमर सिंह के साथ सलाह मशवरा किए बिना यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव कभी कोई फैसला नहीं लेते थे. लेकिन मुलायम सिंह यादव के बाद जब अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो अमर सिंह के साथ उनकी अनबन रहने लगी.
आपको बता दें कि सपा के पूर्व नेता अमर सिंह ने इस वक्त अखिलेश यादव को लेकर एक ऐसा खुलासा किया है कि इससे सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया है. बताया जा रहा है कि अमर सिंह ने अखिलेश यादव और लालू यादव की बेटी के बारे में अजीबोगरीब टिप्पणी की है. अमर सिंह ने कहा है कि उन्होंने समाजवादी पार्टी की दलाली की है. उन्होंने कहा कि अगर मैं नहीं होता तो अखिलेश यादव ना तो ऑस्ट्रेलिया पढ़ने जा पाते और ना ही उनकी शादी डिंपल यादव से हो पाती.
अमर सिंह ने यह खुलासा किया है कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की शादी डिंपल से नहीं हो पानी थी अगर वह उनकी दलाली नहीं करते. इसके साथ अमर सिंह ने यह भी बताया कि अखिलेश यादव की शादी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव की बेटी से होने जा रही थी. लेकिन उन्होंने यह बताने से इंकार कर दिया कि अखिलेश की शादी लालू यादव की किस बेटी से होने वाली थी. अमर सिंह ने यह भी कहा है कि अखिलेश यादव को उनका एहसानमंद होना चाहिए क्योंकि अगर वह नहीं होते तो उनका प्रेम विवाह कभी भी ना हो पाता और ना ही उन्हें अपने मनपसंद की पत्नी मिल पाती.
अमर सिंह यहां पर नहीं रुके बल्कि उन्होंने यह भी कहा कि अगर मैं नहीं चाहता तो अखिलेश यादव कभी भी समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बन पाते और अब तक कुंवारे ही रहते. इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि यह सच है कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नहीं बल्कि पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने फंसाया है. इसके साथ सपा नेता आजम खान पर वार करते हुए अमर सिंह ने कहा कि मिशन मोदी अगेन पीएम में राष्ट्रभक्त मुसलमानों की इज्जत है , लेकिन आजम खान की नहीं है क्योंकि वह कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा बताते हैं और देश विरोधी ताकतों के पक्ष में बयान बाजी करते हैं.
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