महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली महाविकास आघाड़ी सरकार में मंत्री जितेंद्र आव्हाड संघ प्रमुख मोहन भागवत पर जमकर बरसे. आह्वाड ने कहा कि ये लड़ाई सिर्फ मुसलमानो की लड़ाई है, ऐसा मत समझो.

सारा देश आपके साथ है. आव्हाड ने असम के डिटेंशन सेंटर में रखे गए लोगों को छोड़ने की मांग करते हुए कहा कि कहा कि मैं मोहन भागवत से सवाल करना चाहता हूं कि 14 लाख हिंदुओं को लेकर आपकी मन्शा क्या है. आप दुनिया को समझने नहीं देना चाहते कि असम में हुआ क्या है.
उन्होंने कहा कि 50 साल से असम के लोग मिलजुल कर रह रहे थे, लेकिन अब इन्हें पीएम मोदी और अमित शाह की नजर लग गई. उन्होंने यह भी कहा कि वे नहीं मानते कि सीएए की वजह से देश के मुसलमान को कोई खतरा है.
आह्वाड ने पीएम मोदी और अमित शाह पर हिंदू और मुसलमान के बीच दीवार खड़ी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि आज यह दीवार टूटती नजर आ रही है. हिंदू और मुस्लिम यह जानते हैं कि साल 1927 में जलाई हुई मनुस्मृति वापस लाना चाहते हैं, लेकिन हम यह नहीं होने देंगे.
महाराष्ट्र सरकार के मंत्री राष्ट्रपिता की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को सबसे बड़ा आतंकवादी बताया और कहा कि यह महाराष्ट्र के नाम पर लगा हुआ कलंक है.
उन्होंने सीएए के खिलाफ चल रहे आंदोलन को लेकर कहा कि यह लड़ाई अब इस बात की है कि देश आंबेडकर को स्वीकार करेगा या गोवलकर को. आह्वाड ने सभी से संविधान खरीदने का आह्वान किया और सावरकर का नाम लिए बगैर उनकी विवादास्पद कविता का जिक्र भी किया.
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