रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की यस बैंक पर पाबंदी के बाद ग्राहक परेशान हैं. वहीं, सरकार यस बैंक के लिए री-स्ट्रक्चरिंग प्लान ला रही है. इन हालातों में यस बैंक के फाउंडर राणा कपूर का अजीबोगरीब बयान आया है.

राणा कपूर ने बातचीत के दौरान कहा कि मैं पिछले 13 महीने से बैंक में सक्रिय नहीं हूं, ऐसे में मुझे कोई आइडिया नहीं कि क्या चल रहा है. बता दें कि यस बैंक ने नवंबर 2019 में शेयर बाजार को बताया था कि राणा कपूर की बोर्ड से कंप्लीट एग्जिट हो गई है.
इसके मुताबिक राणा कपूर और उसकी प्रमोटर एंटिटी- यस कैपिटल और मॉर्गन क्रेडिट्स ने यस बैंक में अपनी बाकी 0.8 फीसदी हिस्सेदारी भी बेच दी है.
इससे पहले, राणा कपूर और उनके ग्रुप की कंपनियों ने यस बैंक में अपनी 2.16 फीसदी हिस्सेदारी ओपन मार्केट ट्रांजैक्शन के जरिए 510 करोड़ रुपये में बेची थी. इसका मतलब ये हुआ कि राणा कपूर का शेयर अब यस बैंक में नहीं बचा है.
इस बीच, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि बैंक में इन कठिनाइयों का क्या कारण है, इसका आंकलन होगा. इसके साथ ही समस्या के लिए व्यक्तिगत रूप से कौन ज़िम्मेदार हैं, उनकी पहचान की जाएगी.
बता दें कि यस बैंक के लिए आरबीआई ने री-स्ट्रक्चरिंग प्लान का ऐलान किया है. ये प्लान एक महीने के भीतर ही लाया जाएगा. सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक एसबीआई ने यस बैंक में हिस्सेदारी खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है.
निवेशक बैंक अगले तीन साल के लिए 49 फीसदी हिस्सेदारी ले सकता है. वहीं अपनी हिस्सेदारी 26 फीसदी से कम नहीं कर सकता है. बहरहाल, इस प्लान को सुझाव के लिए एसबीआई और यस बैंक को भेज दिया गया है.
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