वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को भारतीय उद्योग जगत से पूरा आत्मविश्वास दिखाने और नए निवेश करके भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनाने में योगदान करने का आह्वान किया। उन्होंने अखिल भारतीय प्रबंधन संघ (एआईएमए) के एक कार्यक्रम में शामिल उद्योग जगत की दिग्गज हस्तियों से कहा कि सरकार ने निवेश के अनुकूल वातावरण बनाने के लिए कंपनी आयकर की दरों में कमी करने सहित कई कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि, ‘मैं चाहूंगी कि अब भारत में निजी निवेशक और निजी उद्योग पूरे आत्मविश्वास के साथ कदम बढ़ाएं, ताकि यह साबित किया जा सके कि भारत के लिए यह (सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनना) संभव है।’ वित्त मंत्री ने कहा, ‘हमें क्षमता बढ़ाने की जरूरत है, हमें विस्तार की जरूरत है, हमें बहुत से ऐसे उत्पादों के विनिर्माण की जरूरत जरूरत है, जो अर्थव्यवस्था के लिए बहुत जरूरी हैं।’
उन्होंने कहा, ‘कर में कमी करने के बाद मैं कामधंधों के विस्तार का इंतजार कर रही हूं, मैं भारत में निजी क्षेत्र से अधिक निवेश देखने का इंतजार कर रही हूं।’ सरकार ने वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए सितंबर 2019 में कॉरपोरेट कर की दर में भारी कटौती की थी।
इससे पहले वित्त मंत्री ने सेबी के निदेशक मंडल को संबोधित करते हुए 2021-22 के बजट में पूंजी बाजार से संबंधित घोषणाओं को समय पर क्रियान्वित करने की जरूरत पर बल दिया था। उन्होंने भारतीय प्रतिभूति एवं विनमय बोर्ड (सेबी) की खासकर कोविड-19 संकट के कारण उत्पन्न स्थिति से निपटने को लेकर उठाए गए कदमों की सराहना भी की थी।
सेबी चेयरमैन अजय त्यागी ने बाजार की मौजूदा प्रवृत्तियों और चुनौतियों तथा महामारी के कारण उठाए गए कदमों, वित्त वर्ष के दौरान जुटाई गई पूंजी, बाजार नियामक से संबंधित बजट घोषणा को क्रियान्वित करने की रूपरेखा के बारे में जानकारी दी।