बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को आरोप लगाया कि विपक्ष प्रचार पाने के लिए उनके खिलाफ लगातार कुछ न कुछ बोलते रहता है और ऐसे लोगों को बिहार के विकास के कार्यो की समझ और अनुभव नहीं है।
जमुई के चकाई में जनसभा को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा, काम में ही हमारा विश्वास है। लेकिन कुछ लोगों को इसकी कोई समझ नहीं है और कुछ भी अनुभव नहीं है। ऐसे लोग अपने प्रचार के लिए मेरे बारे में कुछ भी बोलते रहते हैं।
उन्होंने कहा, अगर उनको ऐसा बोलने से प्रचार मिलता है तो करें। मेरा काम तो सेवा करना है और सेवा ही मेरा धर्म है। मौका मिलेगा तो और काम करेंगे। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब राजद नेता तेजस्वी यादव सहित विपक्ष के कुछ नेता शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के मुद्दे पर सरकार को कटघरे में खड़ा करने का प्रयास कर रहे हैं। एक दिन पहले ही तेजस्वी ने कुमार को गृह जिला नालंदा से चुनाव में उतरने की चुनौती दी थी।
तेजस्वी ने कुमार से पूछा था कि जब वह उप मुख्यमंत्री बने थे तो किसकी सरकार में बने थे? तेजस्वी ने कहा कि ये सवाल तब क्यों नहीं उठाया गया था कि अनुभवहीन हैं? कुमार ने लालू प्रसाद पर परोक्ष निशाना साधते हुए कहा, बिहार के विकास को जनता ने देखा है और जानती है कि पति पत्नी के 15 साल में कितना विकास हुआ? उन्होंने दावा किया कि वह शुरूआत से ही अपराध, भ्रष्टाचार, साम्प्रदायिकता को बर्दाश्त नहीं करने की नीति पर चले।
नीतीश ने कहा, पहले शाम के बाद लोग घर से बाहर निकलने से डरते थे। हमने इसपर काम किया और इतनी बड़ी आबादी वाला राज्य देश में अब अपराध के मामले में 23वें नंबर पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा, समाज में जो भी हाशिए पर थे उन सभी के कल्याण के लिए काम किया। पहले कोई शाम होने के बाद घर से नहीं निकल पाता था डर से। कितने नरसंहार होते थे। हमें मौका मिला तो हमने कानून का राज स्थापित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, हमारे बिहार के बच्चों को पढ़ने के लिए बाहर जाना पड़ता था। हमने बिहार में ही इंजीनियरिंग, मेडिकल कॉलेज के लिए संस्थान बनवाए। हमने युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए योजनाएं बनाई। उन्होंने कहा कि हम हर खेत को सिंचाई सुविधा से जोड़ेंगे और सूखे क्षेत्रों में भी सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था करेंगे।