कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा के बिजनौर दौरे के बाद मेरठ पहुंचने की चर्चा पर पुलिस प्रशासन चौकन्ना हो गया। अचानक शहर के लिसाड़ीगेट क्षेत्र में भारी संख्या में पुलिस फोर्स लगा दिया गया। बताया गया कि प्रियंका और राहुल गांधी यहां पहुंचकर बवाल में मारे गए मृतकों के परिजनों से मुलाकात करने पहुंचे थे लेकिन उन्हें रास्ते में ही रोक दिया गया। काफी हंगामे और गहमागहमी के बाद दोनों नेता वापास दिल्ली लौटा दिए गए।
उन्होंने यह भी कहा कि हम केवल तीन ही लोग पीड़ित परिवारों के परिजनों से मिलने जाएंगे। लेकिन पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी। इस दौरान राहुल-प्रियंका काले रंग की इनोवा कार में ही बैठे रहे।
इस बीच मेरठ प्रशासन ने धारा 144 की दलील देते हुए राहुल-प्रियंका को रोके जाने की बात कही। राहुल-प्रियंका के मेरठ आने से शांति भंग होने का खतरा बताकर उन्हें वापस दिल्ली भेज दिया। बताया गया है कि प्रशासन ने राहुल प्रियंका को दो दिन बाद आने की अनुमति देने की बात कही है। वहीं इस दौरान राहुल प्रियंका ने हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से फोन पर भी बात की है।
पत्रकारों के यह पूछे जाने पर कि कानून व्यवस्था के बारे में कुछ कहना चाहेंगे ? मेरठ में हिंसा के दौरान पांच मौते हुई हैं। इस पर कुछ कहना चाहेंगे? इन सभी सवालों पर राहुल-प्रियंका ने कोई जवाब नहीं दिया।