दिल्ली में मेयर चुनाव को लेकर शुरू हुआ सियासी घमासान अब बढ़ता ही जा रहा है। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के सदन से शुरू हुई यह लड़ाई अब सड़क पर आ गई है। ‘आप’ और भाजपा कार्यकर्ता आज एक दूसरे के खिलाफ हल्ला बोल करते हुए जमकर नारेबाजी कर रहे हैं।
दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) कार्यकर्ता जहां भाजपा मुख्यालय पर प्रदर्शन कर रहे हैं। ‘आप’ नेता उपराज्यपाल द्वारा एमसीडी में पीठासीन अधिकारी और मनोनीत पार्षदों की नियुक्ति को असंवैधानिक बताते हुए विरोध कर रहे हैं।
कई भाजपा नेता हिरासत में ले लिए गए
वहीं, इसके जवाब में भाजपा कार्यकर्ता भी सड़क पर उतर आए हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास का घेराव करने जा रहे भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा पुलिस के बैरिकेड तोड़े जाने के बाद पुलिस ने भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा सहित कई नेताओं को हिरासत में ले लिया है।
‘आप’ ने इसको लेकर शनिवार को उपराज्यपाल के घर के बाहर भी प्रदर्शन किया था। वहीं भाजपा ने राजघाट पर AAP द्वारा कथित तौर पर दिल्ली मेयर चुनाव को लेकर हल्ला मचाने के खिलाफ प्रदर्शन किया था।
बता दें कि उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना द्वारा नियुक्त 10 ‘एल्डरमैन’ नियुक्त किए हैं, जिसको लेकर ‘आप’ एलजी और भाजपा के खिलाफ हमलावर बनी हुई है।
ये है मामला
गौरतलब है कि, 6 जनवरी को मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव के लिए बुलाई गई सदन की बैठक में वोटिंग से पहले शपथ ग्रहण शुरू होते ही हंगामा हो गया था। ‘आप’ पार्षदों ने सुबह दिल्ली नगर निगम मुख्यालय सिविक सेंटर में मनोनीत पार्षदों का शपथ ग्रहण समारोह शुरू होते ही पीठासीन अधिकारी के फैसले के खिलाफ हंगामा शुरू कर दिया था और आसन के पास जाकर नारेबाजी करने लगे थे। इस दौरान ‘आप’ और भाजपा पार्षदों के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई और कुर्सियां भी चलीं। इस मारपीट में दोनों और के कुछ पार्षदों को चोटें भी आई थीं। हंगामे के चलते बिना वोटिंग के ही सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी।
‘आप’ नेता एलजी द्वारा एल्डरमैनों (मनोनीत पार्षदों) की नियुक्ति करने का विरोध कर रहे हैं। उनका आरोप है कि भाजपा इन एल्डरमैनों से मेयर चुनाव में वोटिंग कराने का प्रयास कर रही है, जिसे वो होने नहीं देंगे। ‘आप’ ने मेयर पद के लिए शैली ओबरॉय, जबकि भाजपा ने रेखा गुप्ता पर दांव लगाया है।
उल्लेखनीय है कि बीते साल 7 दिसंबर को ‘आप’ ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के 250 में से 134 वार्ड में जीत हासिल करके भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 15 साल तक चले शासन पर विराम लगा दिया था। चुनाव में भाजपा ने 104 वार्ड में जबकि कांग्रेस ने नौ सीटों पर जीत दर्ज की थी।