बिहार: मुजफ्फरपुर के जिला समाहर्ता सत्यप्रिय कुमार ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अगर एक व्यक्ति प्रतिदिन औसतन 5 किलोमीटर की दूरी साइकिल से तय करता है, तो वह प्रति वर्ष लगभग 300 किलोग्राम कार्बन उत्सर्जन से बचाव कर सकता है। यह वैश्विक तापमान को नियंत्रित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
विश्व साइकिल दिवस के अवसर पर मंगलवार को मुजफ्फरपुर जिले में जन-जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। ‘साइकिल चलाएं, पर्यावरण बचाएं’ की थीम पर आयोजित इस कार्यक्रम में कई स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। बच्चों ने हाथों में पोस्टर और बैनर लेकर शून्य प्रदूषण की ओर साइकिल को पहला बड़ा कदम बताया। उन्होंने आम लोगों से आग्रह किया कि अधिक से अधिक साइकिल का उपयोग करें ताकि पृथ्वी को बचाया जा सके। कार्यक्रम की शुरुआत जिला समाहरणालय परिसर से हुई, जहां से जागरूकता रैली निकाली गई। इस मौके पर जिला प्रशासन के अधिकारी, शिक्षकगण और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
साइकिल दिवस का वैश्विक महत्व
गौरतलब है कि हर वर्ष 3 जून को ‘विश्व साइकिल दिवस’ मनाया जाता है। यह दिन न केवल एक सरल परिवहन साधन के महत्व को रेखांकित करता है, बल्कि मानव स्वास्थ्य, पर्यावरणीय स्थिरता और सतत विकास के लिए भी इसे एक प्रभावशाली पहल के रूप में देखा जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2018 में 3 जून को ‘विश्व साइकिल दिवस’ के रूप में मान्यता दी थी। इसका उद्देश्य साइकिल को एक सस्ता, टिकाऊ, सुलभ और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन विकल्प के रूप में बढ़ावा देना है। यह न केवल सामाजिक समावेश को बढ़ाता है, बल्कि मानव स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है।
जलवायु संकट के दौर में साइकिल का बढ़ता महत्व
हाल के वर्षों में पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन, बढ़ते प्रदूषण, ऊर्जा संकट और जनस्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याओं से जूझ रही है। ऐसे समय में साइकिल एक व्यवहारिक और प्रभावी समाधान बनकर उभरी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर 81 प्रतिशत शहरी आबादी अब भी ऐसी वायु गुणवत्ता में जी रही है जो डब्ल्यूएचओ के मानकों से नीचे है। इससे शहरी नागरिकों में सांस, हृदय, मधुमेह जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। निजी वाहनों की संख्या में बढ़ोतरी से वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण दोनों में इजाफा हुआ है।
प्रशासन की पहल और संदेश
इस अवसर पर मुजफ्फरपुर के जिला समाहर्ता सत्यप्रिय कुमार ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अगर एक व्यक्ति प्रतिदिन औसतन 5 किलोमीटर की दूरी साइकिल से तय करता है, तो वह प्रति वर्ष लगभग 300 किलोग्राम कार्बन उत्सर्जन से बचाव कर सकता है। यह वैश्विक तापमान को नियंत्रित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने आगे कहा कि साइकिल चलाने से मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, मोटापा और मानसिक तनाव जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है। यह न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि पर्यावरण के संरक्षण में भी अहम भूमिका निभाता है।
बच्चों का उत्साह बना प्रेरणा
रैली में शामिल स्कूली बच्चों का उत्साह देखने लायक था। उन्होंने रंग-बिरंगे पोस्टरों और नारों के माध्यम से लोगों को पर्यावरण की रक्षा और साइकिल अपनाने के लिए प्रेरित किया। बच्चों ने संदेश दिया कि “साइकिल है सरल उपाय, पर्यावरण रहे सुरक्षित हर बार।”
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