अमरावती: मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने गुरुवार को जगन्नाथ विद्या दीवेना की दूसरी किश्त 693.81 करोड़ रुपये जारी की, जो सीधे 10.97 लाख छात्रों की माताओं के खातों में जमा की गई, जो अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने 2019 से विद्या दीवेना योजना के माध्यम से शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए 5,573 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, इसके अलावा 2018-19 के दौरान पिछली सरकार के 1,880 करोड़ रुपये के बकाया का भुगतान किया है।
उन्होंने कहा कि इस योजना को गरीबों के लिए शिक्षा सुलभ बनाने के लिए डिजाइन किया गया है, जो उन छात्रों के लिए एक अवसर पैदा कर रहा है जो अपने परिवारों पर बोझ डाले बिना उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य युवा पीढ़ी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार आंध्र प्रदेश में 33 प्रतिशत निरक्षरता है जबकि यह देश में 27 प्रतिशत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में बहुत प्रतिबद्ध है और इस प्रकार जगन्नाथ अम्मा वोडी, गोरु मुधा, विद्या कनुका, वसती दीवेना जैसी योजनाएं शुरू की हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी परिवार कर्ज में न डूबे। उनके बच्चों की शिक्षा और इसके समाधान के लिए सरकार ने अकेले शिक्षा पर 26,677 करोड़ रुपये खर्च किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले पैसा सीधे कॉलेजों को दिया जाता था, लेकिन इस साल से इसे माताओं के खातों में जमा किया जा रहा है क्योंकि वे कॉलेज की सुविधाओं और छात्रों की भलाई पर बेहतर निगरानी रख सकते हैं, जिससे कॉलेज प्रबंधन की जवाबदेही में भी सुधार होगा। यदि कॉलेज प्रबंधन या विद्या दीवेना के साथ कोई समस्या उत्पन्न होती है, तो लाभार्थियों को 1902 के टोल-फ्री नंबर पर कॉल करने की सलाह दी गई थी।