आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी को सीबीआई की विशेष अदालत से कोई राहत नहीं मिली है। आय से अधिक संपत्ति मामले में रेड्डी ने याचिका देकर व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट की मांग की थी। हालांकि कोर्ट ने शुक्रवार को इस याचिका को खारिज कर दिया। ऐसे में मुख्यमंत्री रेड्डी को कोर्ट में पेश होना होगा। बता दें कि यह मामला रेड्डी की फर्मों में हुए निवेश से जुड़ा है।
दरअसल, रेड्डी के पिता और तत्कालीन मुख्यमंत्री वायएस राजशेखर रेड्डी के साल 2004 से 2009 तक के कार्यकाल के दौरान जगन की फर्मों में विभिन्न कंपनियों ने कथित रूप से निवेश किया था। इसी मामले में जगन ने इस आधार पर छूट मांगी थी कि एक मुख्यमंत्री के रूप में विभिन्न कारणों से हमेशा अदालत में पेश होना संभव नहीं है।
हालांकि, जांच एजेंसी ने अदालत में उपस्थिति न होने की याचिका का पुरजोर विरोध किया। सीबीआई ने कहा कि यह अवांछित छूट होगी, क्योंकि रेड्डी अपने राजनीतिक, धनबल और अन्य प्रकार की शक्तियों से गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।
संबंधित मामलों में मई 2012 में गिरफ्तार होने के बाद जगन 15 महीने तक जेल में रहे थे। उन्हें सितंबर 2013 में चंचलगुडा जेल से जमानत पर रिहा कर दिया गया था। सीबीआई की विशेष अदालत ने उन्हें जमानत देते हुए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से गवाहों को प्रभावित नहीं करने का आदेश दिया था।