मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी और जू प्रबंधन ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया। मामला स्लॉटर हाउस संचालन से जुड़ा हुआ है।
मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी एवं जू प्रबंधन के द्वारा हाईकोर्ट के आदेश का परिपालन नहीं किये जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। याचिका में कहा गया था कि हाईकोर्ट का स्पष्ट आदेश था कि मांस सप्लाई के टेंडर में इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया जाये कि स्लॉटर हाउस आवासीय क्षेत्र में नहीं होना चाहिए।
प्रबंधन द्वारा जारी टेंडर में उक्त शर्त का उल्लेख नहीं किया गया है। याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस संजीव सचदेवा तथा जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
याचिकाकर्ता सतना निवासी केके चतुर्वेदी की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि मुकुंदपुर स्थित महाराजा मार्तंड सिंह जूदेव सफारी व जू स्थित है। प्रबंधन द्वारा सफारी व जू में रहने वाले मांसाहारी जानवरों की लिए मांस की सप्लाई टेंडर जारी किया जाता है। मांस सप्लाई का टेंडर लेने वाले व्यक्तियों के स्लॉटर हाउस आवासीय क्षेत्र में संचालित होने को चुनौती देते हुए साल 2021 में जनहित याचिका दायर कर हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी थी।
याचिका का निराकरण करते हुए हाईकोर्ट में अपने आदेश में कहा था कि सफारी व जू प्रबंधन टेंडर शर्त में इस बात का उल्लेख किया जाये कि आवेदक का स्लॉटर हाउस आवासीय क्षेत्र में संचालित नहीं होना चाहिये।
याचिका में कहा गया था कि सफारी व जू प्रबंधन द्वारा 17 जून को मांस सप्लाई के लिए टेंडर जारी किया गया है। हाईकोर्ट के आदेश का परिपालन नहीं करते हुए उक्त शर्त का उल्लेख टेंडर में नहीं किया गया है। अभ्यावेदन देने के बावजूद भी सफारी व जू के संचालक ने कोई कार्यवाही नहीं की, जिसके कारण उक्त याचिका दायर की गयी है। याचिका में केन्द्रीय पर्यावरण विभाग, वन विभाग सहित अन्य को अनावेदक बनाया गया था। युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई के बाद आवेदक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता धर्मेन्द्र सोनी ने पैरवी की।