मुंबई हमले (26/11) के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को पाकिस्तान की एक अदालत ने 10 वर्ष की सजा सुनाई है। अदालत ने हाफिज सईद को दो और आतंकी हमले के मामले में सजा सुनाई है।

हाफिज की सजा पर टिप्प्पणी करते हुए यहां के प्रमुख अखबारों ने सरकार को सुझाव दिया है कि वह आतंकियों के खिलाफ आगे भी ऐसी कार्रवाई जारी रखे।
पाकिस्तानी समाचार पत्रों में कहा गया है कि हाफिज सईद जैसे हिंसक आतंकियों को बढ़ावा देना सरकार और यहां की सुरक्षा के लिए खतरनाक है।
2008 के मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा (जेयूडी) प्रमुख को लाहौर में आतंकवाद-रोधी न्यायालय ने दो आतंकी टेरर फंडिंग मामले में 11 साल की सजा सुनाई है। आतंकवाद निरोधक अदालत ने आतंकवाद को वित्त पोषण करने के मामलों की रोजाना सुनवाई करते हुए 11 दिसंबर को सईद एवं उसके एक सहयोगी को दोषी करार दिया था । अदालत ने दोनों मामलों में सईद को साढ़े पांच साल – साढ़े पांच साल के कैद की सजा सुनायी जबकि दोनों मामलों में 15-15 हजार का जुर्माना भी लगाया । दोनों मामलों की सजा साथ साथ चलेंगी।
कोर्ट के इस फैसले पर डॉन अखबार के संपादकीय में लिखा गया है, ‘आतंकवाद के बुनियादी ढांचे को खत्म करने के लिए पाकिस्तान की ओर से किए जा रहे प्रयासों यह एक अहम फैसला है।’ अखबार ने आगे लिखा है कि सरकार और सुरक्षा एजेंसियों में इस बात की आशंका बढ़ रही है कि ऐसे हिंसक आतंकियों का पोषण या अनदेखी एक खतरनाक नीति है, ऐसे लोगों की गतिविधियों को समाप्त करना जरूरी है।
यहां के प्रमख अखबार ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र की ओर से सईद को आतंकवादी ठहराए जाने के बाद से पाकिस्तान के लिए कई तरह की समस्याएं पैदा हो रही हैं।
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