देश एक तरफ अपना 69वां गणतंत्र दिवस मना रहा है, तो दूसरी ओर मुंबई में विपक्ष के नेताओं ने संविधान बचाओ यात्रा निकाली. इस यात्रा में शरद पवार, उमर अब्दुल्ला, हार्दिक पटेल, प्रफुल्ल पटेल, अशोक चव्हाण, शरद यादव, दिनेश द्विवेदी, अजीत पवार, राम जेठमलानी, सुप्रिया सुले, डी. राजा, सुशील कुमार शिंदे, डीपी त्रिपाठी ने हिस्सा लिया.
अगर इन नेताओं को देखा जाए तो रैली में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेताओं की संख्या बहुतायत में है, लेकिन यात्रा में लगभग समूचा विपक्ष एकजुट दिखा. इनमें उमर अब्दुल्ला, नेशनल कॉन्फ्रेंस से, तो कांग्रेस से अशोक चव्हाण और सुशील कुमार शिंदे शामिल हुए. राम जेठमलानी ने लालू यादव की पार्टी आरजेडी का प्रतिनिधित्व किया.
वहीं, जेडीयू के बागी नेता शरद यादव ने भी इस यात्रा में हिस्सा लिया. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के डी. राजा और गुजरात के युवा पाटीदार नेता हार्दिक पटेल भी शामिल हुए.
बैठक में शामिल हुए एनसीपी के नेताओं में शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले, भाई अजीत पवार, डीपी त्रिपाठी, प्रफुल्ल पटेल और पार्टी के शीर्ष नेता खुद शरद पवार रहे.
संविधान के मूलभूत सिद्धांत खतरे में : येचुरी
इससे पहले मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि संविधान के मूलभूत सिद्धांत ‘गंभीर खतरे’ में हैं. येचुरी ने ट्वीट कर कहा, “गणतंत्र दिवस पर सभी देशवासियों को बधाई. वह एक महत्वपूर्ण दिन था, जब भारत ने समय से बहुत आगे के सिद्धांतों व मूल्यों का अंगीकार किया था. हमें इन्हें और आगे बढ़ाना चाहिए और हर नागरिक के लिए सही मायने में समानता सुनिश्चित करनी चाहिए.”
येचुरी ने ट्वीट कर कहा, “हमने 68 वर्ष पहले इसी दिन अपने संविधान को अपनाया था. इसका मूलभूत सिद्धांत- (आजादी के साथ) समानता का अधिकार है, जो आज गंभीर खतरे में है. हमें आज समानता व भाईचारे के स्तरों से परे जाने की जरूरत है, न कि पीछे जाने की.”
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