बुधवार को पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम (पीएसपी) प्रभाग विदेश मंत्रालय के सतर्कता अधिकारियों और क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय मुंबई के अधिकारियों के साथ पीएसके परेल और पीएसके मलाड में संयुक्त छापेमारी की गई। छापेमारी के दौरान सीबीआई टीम द्वारा संदिग्ध अधिकारियों के कार्यालय डेस्क और मोबाइल फोन की जांच की गई। वहीं कुछ अधिकारियों के विभिन्न संदिग्ध लेन-देन का चला पता है।
सीबीआई ने मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य कई स्थानों पर पासपोर्ट सेवा केंद्रों (पीएसके) में भ्रष्टाचार की जांच के लिए छापेमारी की है। छापेमारी के बाद सीबीआई ने 32 संदिग्धों के खिलाफ 12 मामले दर्ज किए हैं। पासपोर्ट कार्यालयों से भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए यह हाल के समय का सबसे बड़ा अभियान बताया जा रहा है।
जिन लोगों के विरुद्ध मामले दर्ज किए गए हैं, उनमें पासपोर्ट सहायक के रूप में तैनात 14 अधिकारी, पीएसके में तैनात वरिष्ठ पासपोर्ट सहायक और 18 पासपोर्ट सुविधा एजेंट और दलाल शामिल हैं। उपलब्ध जानकारी के अनुसार, मुंबई और नासिक में 33 स्थानों पर तलाशी ली गई है। मुंबई में पीएसके, लोअर परेल और मलाड में छापे मारे गए, जो विदेश मंत्रालय (एमईए) के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय (आरपीओ) के मुंबई कार्यालय के अधिकार क्षेत्र में आता है।
पासपोर्ट जारी करने के बदले अनुचित लाभ उठा रहे थे आरोपी
सीबीआई ने शनिवार को बयान जारी कर कहा है कि ये अधिकारी पासपोर्ट सुविधा एजेंटों के नियमित संपर्क में थे और अपर्याप्त व अधूरे दस्तावेजों के आधार पर या पासपोर्ट आवेदकों के व्यक्तिगत विवरण में हेरफेर कर पासपोर्ट जारी करने के बदले अनुचित लाभ उठा रहे थे।
परेल और पीएसके, मलाड में संयुक्त छापेमारी
बुधवार को पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम (पीएसपी) प्रभाग, विदेश मंत्रालय के सतर्कता अधिकारियों और क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय मुंबई के अधिकारियों के साथ पीएसके, परेल और पीएसके, मलाड में संयुक्त छापेमारी की गई। छापेमारी के दौरान सीबीआई टीम द्वारा संदिग्ध अधिकारियों के कार्यालय डेस्क और मोबाइल फोन की जांच की गई।
कुछ अधिकारियों के विभिन्न संदिग्ध लेन-देन का चला पता
सीबीआई ने कहा है कि संदिग्ध लोक सेवकों के दस्तावेजों, इंटरनेट मीडिया चैट और यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) आईडी गतिविधियों के विश्लेषण से पीएसके के कुछ अधिकारियों द्वारा विभिन्न संदिग्ध लेन-देन का पता चला है। जो अनुचित लाभ के बदले में जाली दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट जारी करने का संकेत देते हैं।
पता चला है कि पासपोर्ट सेवा केंद्रों के संदिग्ध अधिकारी विभिन्न पासपोर्ट सुविधा एजेंटों और दलालों के साथ मिलीभगत कर सीधे अपने बैंक खातों में या अपने निकट परिवार के सदस्यों के बैंक खातों में कई लाख रुपये तक का भारी अनुचित लाभ कमा रहे थे।