राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी की तीन दिवसीय बैठक 31 अक्टूबर से मुंबई में शुरू हो रही है. मंगलवार (30 अक्टूबर) को इस तीन दिवसीय बैठक के मुद्दों के चयन पर भी एक बैठक की जाएगी. इसमें तीन दिनी बैठक की पूरी रूपरेखा तैयार की जाएगी. इस बैठक में आरएसएस से जुडे 54 संघटन शामिल होंगे. बैठक में देश भर से संघ के पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल होंगे. 
तीन दिनों तक चलनेवाली इस बैठक में राजनैतिक मुद्दों के साथ अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण, देश की सुरक्षा, सीमा क्षेत्र का विकास, नई शिक्षा नीति एवं स्वदेशी वस्तुओं के निर्माण आदि मुद्दे पर चर्चा हो सकती है. जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर अहम चर्चा होगा.
साल में एक बार होने वाली संघ की इस अखिल भारतीय कार्यकारिणी की बैठक को दीवाली बैठक के नाम से भी लोग जानते हैं. हर साल ये बैठक विजयादशमी के बाद और दीपावली से पहले होती है. इस बैठक में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, सरकार्यवाह सुरेश जोशी उपाख्य भैयाजी, सह-सरकार्यवाह सुरेश सोनी, डॉ. कृष्ण गोपाल, दत्तात्रेय होसबले, वी.भागय्या, डॉ.मनमोहन वैद्य प्रमुख रूप से मौजूद रहेंगे. इसमें देशभर से करीब 300 प्रमुख पदाधिकारी भी हिस्सा लेंगे. इस दौरान सबरीमाला मंदिर प्रकरण, राम मंदिर निर्माण मुद्दा, बांग्लादेशी घुसपैठ और अर्बन नक्सलवाद जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है.
आपको बता दें कि नागपुर में आयोजित विजयादशमी (दशहरा) उत्सव में सरसंघचालक डॉ. भागवत ने अपने भाषण में सबरीमाला मंदिर, राम मंदिर तथा अर्बन नक्सलवाद समेत कई बिन्दुओं पर चर्चा की थी. इसलिए उम्मीद जताई जा रही है कि कार्यकारी मंडल की बैठक में भी इन विषयों की चर्चा हो सकती है और इससे जुड़े प्रस्ताव भी पारित किए जाएंगे.
पिछले वर्ष कार्यकारी मंडल की बैठक में कहा गया था कि गांव और किसान अनेक समस्याओं से जूझ रहे हैं. किसानों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाना जरूरी है. उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए सरकार को नीति बनानी चाहिए और यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्हें उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सके. संघ प्रयास करेगा कि किसान जैविक खेती की ओर लौटें. बैठक में रोहिंग्या और राम मंदिर के मुद्दे पर चर्चा हुई थी.
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