सेक्स ऐसी चीज होती है जो महिलाओं और पुरुषों दोनों को शारीरिक और मानसिक संतुष्टि देकर शरीर के ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखती है. सेक्स ना करने वालों का ब्लड प्रेशर हाई रहता है।
महिलाओं को सेक्स करने से शारीरिक और मानसिक लाभ के साथ साथ भावनात्मक लाभ भी होते हैं. उनकी शारीरिक संरचना में बदलाव आता है. इसके अलावा सेक्स के दौरान अपने पार्टनर से मिली संतुष्टि से आत्मविश्वास भी बढ़ता है।वैसे तो महिलाओं को सेक्स की किसी भी समय चाहत हो सकती है लेकिन माहवारी ख़त्म होने के पांच से सात दिन बाद उन्हें सेक्स की तीव्र इच्छा होती है, उस समय उनके हार्मोन्स सबसे अधिक सक्रिय हो जाते हैं।
विशेषज्ञों की मानें तो माहवारी के पांच से सात दिन बाद किये गए सेक्स का लाभ कम से कम 12 दिनों तक रहता है।
इस समय सेक्स इच्छाए इसलिए भी तीव्र होती हैं क्योंकि माहवारी के बाद ब्लीडिंग ख़त्म हो जाते हैं. उसके बाद महिलाओं को तीन चार दिन पहले जैसी अवस्था में आने में लग जाते हैं, जब महिलाएं नार्मल हो जाती हैं तो सेक्स हार्मोन्स सक्रिय हो जाते हैं और इक्षा भी प्रबल होती जाती है।