नेपाल में बिना खिड़की वाली झोंपड़ी में दम घुटने के कारण 35 वर्षीय महिला और उसके दो बेटों की मौत हो गई. महिला एक प्रथा के तहत इस झोपड़ी में रह रही थी जिसमें माहवारी के दौरान महिला को अछूत माना जाता है और उसे अलग स्थान पर रहने के लिए विवश किया जाता है. काठमांडू पोस्ट की खबर के अनुसार, यह घटना नेपाल के बाजुरा जिले की है जहां माहवारी के चौथे दिन अंबा बोहोरा ने मंगलवार रात को अपने नौ और 12 साल के बेटों के साथ भोजन किया और बाद में झोंपड़ी में सोने चली गई. झोपड़ी को गर्म रखने के लिए उसमें आग जल रही थी.
खबर में बताया गया कि झोपड़ी में ना तो खिड़की थी और ही हवा आर-पार होने की कोई अन्य व्यवस्था थी. अगली सुबह जब अंबा की सास ने झोपड़ी का दरवाजा खोला तो उसे तीनों मृत मिले. सभी की आग लगने के कारण दम घुटने से मौत हो गई थी. खबर में एक गांववाले के हवाले से कहा गया, ‘‘जब वे सो रहे थे तो उनके कंबल में आग लग गई थी जिसके बाद धुएं के कारण दम घुटने से मां और बच्चों की मौत हुई होगी.’’
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