देश के शराब कारोबारी और किंगफ़िशर एयरलाइन्स के मालिक घोटालेबाज विजय माल्या पर चले रहे केस में ब्रिटेन की अदालत ने कहा कि भारतीय बैंकों ने विजय माल्या को लोन देते समय अपने ही नियम तोड़कर उन्हें फायदा पहुंचाया है. साथ ही इस घोटाले में कई आरोपी बैंक के कर्मचारी स्वयं है. यह बिलकुल भी गुपचुप तरीके से नहीं हुआ है, हम बंद आँखों से भी इसे देख सकते है.लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत की न्यायाधीश एम्मा आर्बथनॉट ने पूरे मामले को ‘जिग्सॉ पज़ल’ की तरह बताया जिसमें भारी तादाद में मौजूद सबूतों को आपस में जोड़कर तस्वीर बनानी होगी. उन्होंने कहा कि अब वे इस मामले को कुछ महीने पहले की तुलना में ज्यादा स्पष्ट तौर पर देख पा रही हैं. बता दें, विजय माल्या के ऊपर भारतीय बैंकों का करीब 9000 करोड़ रूपये कर्ज बकाया है, माल्या भारत को भारत ने भगोड़ा घोषित कर रखा है.
उन्होंने कहा, ‘यह साफ है कि बैंकों ने कर्ज मंजूर करने में अपने ही दिशानिर्देशों को तोड़ा है.’ एम्मा ने भारतीय अधिकारियों को इस मामले में शामिल कुछ बैंक कर्मियों के ऊपर लगे आरोपों को समझाने के लिए बुलाया और कहा कि यह तथ्य माल्या के खिलाफ षड्यंत्र के आरोप की दृष्टि से महत्वपूर्ण है. उल्लेखनीय है कि 62 वर्षीय माल्या के खिलाफ इस अदालत में सुनवाई चल रही है कि क्या उन्हें अपराधी घोषित कर भारत भेजा जा सकता है या नहीं, ताकि उनके खिलाफ वहां की अदालत बैंकों के साथ धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सुनवाई कर सके.