मालदीव में अगामी चुनाव को देखते हुए मीडिया पर सरकार हावी होने की कोशिश में है। ह्यूमन राइट वॉच की दक्षिण एशिया की निदेशक मीनाक्षी गांगुली का कहना है कि मालदीव में चुनाव नजदीक आ रहा है, ऐसे में राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन सरकार की आलोचना करने का हवाला देते हुए मीडिया पर दबाव बना रहे हैं।
एक निजी टीवी चैनल राजजे टीवी पर मालदीव ब्रॉडकास्टिंग कमीशन (एमबीसी) द्वारा भारी जुर्माना लगाया गया है। चैनल पर आरोप है कि उसने ऐसी सामग्री का प्रसारण किया, जिससे राष्ट्रपति और देश की सुरक्षा को बड़ा खतरा हो सकता है। राजजे चैनल के प्रमुख हुसैन फियास का कहना है, ‘हमारे ऊपर लगाया गया जुर्माना निश्चित रूप से एक राजनीति निर्णय है। आयोग ने जुर्माना लगाया है, जो पूरी तरह से सरकार के नियंत्रण में है।’
बता दें कि राजजे टीवी पर 2016 से अब तक सरकार विरोधी सामग्री का प्रसारण करने के आरोप में चार बार जुर्माना हो चुका है। चैनल पर मालदीव के एंटी-डिफैमेशन एक्ट 2016 के तहत जुर्माना लगाया गया है, जिसके अनुसार मीडिया आउटलेट को 30 दिनों के भीतर जुर्माना अदा करने के लिए मजबूर किया जाता है, भले ही कोर्ट में अपील पर सुनने चल रही हो। गौरतलब है कि मालदीव में 23 सितंबर को चुनाव होने जा रहे हैं।