संसद भवन की सुरक्षा में चूक मामले के आरोपी हर रोज नए खुलासे कर रहे हैं। आरोपियों ने पूछताछ में बताया है कि वह पुराने संसद भवन में हंगामा करना चाहते थे। इसके लिए मार्च में रेकी करने गए थे। इसके बाद नए संसद भवन की रेकी की। सांसद प्रताप सिम्हा के कार्यालय की ओर से मिले पास से ही आरोपियों ने सितंबर में विशेष सत्र के दौरान नए संसद भवन की रेकी भी की थी।
स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ललित झा व मनोरंजन डी मुख्य आरोपी हैं। ललित झा मुद्दों व प्लानिंग को लेकर रिसर्च करता था, जबकि मनोरंजन दिमाग लगाता था। सागर शर्मा व मनोरंजन मार्च में बजट सत्र के दौरान पुराने संसद भवन की रेकी करने गए थे। हालांकि, उस समय अंदर नहीं गए थे और बाहर से ही सुरक्षा को देखकर आ गए थे। इसके बाद संसद भवन बदल गया।
फिर सागर व मनोरंजन नए संसद भवन के अंदर गए और सुरक्षा व्यवस्था, जवानों की तैनाती, विजिटर गैलरी आदि की रेकी की। पुलिस के अनुसार, सांसद प्रताप सिम्हा के निजी सचिव को सागर किसी के जरिये जानता है। वह निजी सचिव के पास आता रहता था। इस कारण आरोपियों को पास आसानी से मिल गए।
अंगीठी में जलाए थे 6 मोबाइल
ललित व महेश किसी तरह के सबूत छोड़ना नहीं चाहते थे। इस कारण उन्होंने नागौर रेलवे स्टेशन के पास स्थित शिवा ढाबे की अंगीठी में सभी 6 मोबाइल जला दिए थे। नई दिल्ली स्पेशल स्टाफ के प्रभारी इंस्पेक्टर संजय शर्मा व टीम ने जले हुए मोबाइल के अवशेष बरामद कर लिए।
संसद भवन से ऑटो लेकर धौला कुआं गया था ललित
संसद भवन में हंगामे के बाद ललित झा ऑटो से धौला कुआं पहुंचा और बस से राजस्थान के नागौर चला गया। नागौर बस अड्डे पर उसे महेश कुमावत व कैलाश लेने आए थे। अब पुलिस उस ऑटो व बस का पता कर रही है जिससे ललित गया था। पुलिस महेश के भाई की भी भूमिका की जांच कर रही है। पुलिस के अनुसार, ललित ने संसद के बाहर नीलम व शिंदे की वीडियो बनाई थी।
पुलिस ने जब दोनों को पकड़ लिया तो ललित ने ऑटो ले लिया। नागौर बस अड्डे पर महेश व कैलाश उसे मिले। इसके बाद तीनों रेलवे स्टेशन के पास शिवा ढाबे पर गए। अगले दिन कैलाश ने होटल बुक कराया। इस बीच स्पेशल सेल व नई दिल्ली के स्पेशल स्टाफ की टीमें वहां पहुंच गईं और कैलाश को पकड़ लिया।
कैलाश ने बताया कि ललित व महेश होटल में ठहरे थे। दोनों पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने दिल्ली जा सकते हैं। दिल्ली पुलिस ने धौला कुआं पर ही दोनों को पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन दोनों कर्तव्य पथ थाने पहुंचे और थानाध्यक्ष जितेंद्र सिंह के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।