भूमंडलीय ऊष्मीकरण (Global warming) और मौसम चक्र में बदलाव के चलते वैश्विक स्तर पर तापमान में हर साल इजाफा हो रहा है।मौसम पूर्वानुमान के मुातबिक, इस बार भी गर्मी मई-जून महीने में भीषण गर्मी पड़ने के आसार हैं।
चिलचिलाती थूप के साथ पारा जल्द ही 45 डिग्री तक जा सकता है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department) के पूर्वानुमान के मुताबिक, मार्च और अप्रैल में ही देश के अधिकांश हिस्सों मसलन सेंट्रल, वेस्टर्न और साउथ रीजन में तापमान में सामान्य से अधिक होगा।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, मार्च-अप्रैल महीने में ही सामान्य तापमान में इजाफा हो जाएगा। इसी के सात अप्रैल में ही दिल्ली के साथ उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में सामान्य से 1.15 डिग्री सेल्सियस तापमान अधिक होगा।
फरवरी महीने में ही महाराष्ट्र और दक्षिणी राज्यों गर्मी में इजाफा हो गया है। अगले दो महीनों के दौरान गर्मी बढ़ने की उम्मीद है। ऐसे में मार्च और अप्रैल के दौरान मासिक औसत तापमान देश के कई हिस्सों, खासकर मध्य भारत में सामान्य से 1-1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक हो सकता है।
अप्रैल महीने में ही उत्तर पूर्व और मध्य भारत में गर्मी में इजाफा होगा तापमान सामान्य से अधिक होगा। भीषण गर्मी का यह सिलसिला यही नहीं थमने वाला जल्द ही तापमान 45 डिग्री के आसपास तक जा सकता है।
IITM की रिपोर्ट यह भी कहती है कि गर्मी में इजाफा और लू की खराब स्थिति अल नीनो मोडोकी के विकसित होने से होगी। रिपोर्ट से यह भी जाहिर होता है कि आने वाले समय में अल नीनो मोडोकी भारत में लू में इजाफा होने का जिम्मेदार बनेगा।
इससे 2020 से 2064 तक गर्मी और लू में इजाफा होना जारी रहेगा। यह सब ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण भी हो रहा है। रिपोर्ट यह भी कहती है कि वर्ष 2020 से 2064 के बीच में लू में जबरदस्त इजाफा होगा।
यहां पर बता दें कि पिछले साल सर्दी ने दिल्ली में 120 साल का रिकॉर्ड तोड़ा है, जब न्यूनतम तापमान लगातार कई 15 दिनों से अधिक समय तक लगातार कम रहा।